मध्यप्रदेश के उज्जैन में आयोजित विक्रमोत्सव 2023 में कुमार विश्वास की रामकथा निरस्त होने का एक फर्जी पत्र वायरल हो रहा है। जिसके पास भी ये पत्र पहुंचा, वो चौंक गया। हालांकि महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने इसे झूठा बताया है।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने पत्र जारी किया है। इसमें बताया है कि विक्रमोत्सव 2023 अंतर्गत 21 से 23 फरवरी 2023 तक कुमार विश्वास की चलने वाली राम कथा (अपने-अपने राम, शंकर के राम एवं राम के शंकर) का कार्यक्रम बदस्तूर जारी है। सोशल मीडिया पर निदेशक महाराजा विक्रमादित्या शोधपीठ के नाम से जारी पत्र नकली है। जो विघ्नसंतोषियों द्वारा जारी किया गया है। इसकी कोई सत्यता नहीं है।
आयोजकों की ओर से कहा गया है कि कुमार विश्वास के कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर चला पत्र झूठा है। आयोजकों ने बताया कि आज 22 फरवरी और कल 23 फरवरी को उज्जैन मैं यह कार्यक्रम जरूर होगा।
सोशल मीडिया पर हुआ था निरस्ती का पत्र वायरल
कुमार विश्वास ने अपनी कथा के दौरान मंगलवार को संघ पर निशाना साधा था, जिसे लेकर उनका कई जगह विरोध भी हो रहा है। कार्यक्रम निरस्त करने की मांग की गई थी। इसी बीच एक पत्र तेजी से वायरल हुआ, जिसे कुमार विश्वास को संबोधित कर लिखा गया था। इसमें लिखा था आपसे विक्रमोत्सव 2023 में राम कथा (अपने-अपने राम, शंकर के राम एवं राम के शंकर) के लिए अनुरोध किया गया था, लेकिन एक भक्तिमय राम कथा में आपके द्वारा 21 फरवरी 2023 को आयोजित कार्यक्रम में अवांछित, अमर्यादित और दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गईं। जिसको लेकर समाज में अत्यंत रोष है। अत: शेष रामकथा (22-23 फरवरी) को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
क्या कहा था कुमार विश्वास ने
बता दें कि भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के तहत कवि और लेखक कुमार विश्वास उज्जैन में राम कथा के प्रेरक प्रसंग सुनाने पहुंचे थे। मंगलवार को उन्होंने राम कथा के प्रसंग सुनाने के दौरान आरएसएस पर निशाना साधा और संघ को अनपढ़ कहा। जिस वक्त कुमार विश्वास ने संघ के बारे में ये कहा उस दौरान मंच पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव व सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद थे।
कुमार विश्वास प्रेरक प्रसंग सुनाने के दौरान राम राज्य के बजट के बारे में लोगों को बता रहे थे, इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट को राम राज्य के बजट से जोड़ते हुए संघ पर निशाना साधा और कहा कि संघ से जुड़े लोग कहते हैं कि राम राज्य में बजट नहीं होता था। हमारे देश में दो तरह के लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक वामपंथी हैं, जो कुपढ़ हैं, उन्होंने पढ़ा तो है, लेकिन गलत पढ़ा है। दूसरे हैं उन्होंने पढ़ा ही नहीं है वो कहते हैं कि हमारे वेदों में ये लिखा है लेकिन वेदों में क्या लिखा है वो उन्होंने देखा ही नहीं हैं।
कुमार विश्वास के पोस्टर फाड़े
कुमार विश्वास के विवादित बोल पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने रामकथा बंद करने की धमकी दी। बुधवार दोपहर को उज्जैन नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत ने टावर पर लगे कुमार विश्वास के पोस्टर पर पहले कालिख पोती फिर इन पोस्टरों को फाड़कर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि कुमार विश्वास ने इस आयोजन के लिए चालीस से पचास लाख रुपये लिए हैं। उसने जो टिप्पणी की है, उसकी हम घोर शब्दों में निंदा करते हैं। हमने कुमार विश्वास को चेतावनी दी है कि शाम तक माफी मांगे। शाम का कुमार विश्वास का जो कार्यक्रम है, हम उसे होने नहीं देंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगभग 100 साल से इस देश को गढ़ने और आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। हजारों की संख्या में स्वयंसेवकों ने अपना जीवन होम किया है। उनके बारे में यदि कोई इस प्रकार की टिप्पणी करता है तो यह बर्दाश्त के बाहर है।
कुमार विश्वास ने मांगी माफी, कहा- विघ्न संतोषियों ने बात फैलाई
विरोध बढ़ा तो विश्वास ने एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि बहुत खराब स्वास्थ्य और बुखार के बावजूद, मैं बाबा महाकाल की कृपा से मैं दो घंटे से अधिक समय तक रामकथा और उसकी प्रासंगिकता पर बोल सका। कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक पर मैंने टिप्पणी की। संयोग से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है। पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है। मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा-लिखा करो। वामपंथी कुपढ़ है और तुम अनपढ़ हो। बस इतनी-सी बात थी। कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे फैला दिया। कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे। आप यह याद रखियेगा कि राम की कथा को कौन भंग करते हैं? मैं उज्जैन के सभी मित्रों से आग्रह करता हूं कि वह सभी वहां पहुंचे और मैं जो बोल रहा हूं, उसका अर्थ उस तरह से लगाएं, जो मैं बोल रहा हूं। यदि आप इसे नए अर्थ के लिए समझेंगे तो मैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। तदुपरांत आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया हो तो उसके लिए मुझे माफ करें। मुझे क्षमा करें। प्रार्थना करूंगा कि जिन्होंने यह विघ्न संतोष पैदा किया है, ईश्वर उनकी भी बुद्धि मलिनता से दूर करें।