सीहोर: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में चल रही शिवमहापुराण कथा में पहुंचे लोगों को कई तरह की परेशानी झेलना पड़ रही है। यहां लोगों को पानी की बोतल के 150 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं, खेतों में टॉयलेट जाने के नाम पर 20 रुपये वसूले जा रहे हैं। इस बात का जिक्र कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा के चौथे दिन खुद किया है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान अपने दर्द का बयां करने के साथ ही अगली बार रुद्राक्ष महोत्सव के भव्य रूप से करने भी बड़ी बात कह दी। पंडित मिश्रा ने कहा इस बार पांच लाख लोगों को भोजन कराने का पंडाल लगाया है, अगली बार दस लाख लोगों को भोजन कराने पंडाल लगाएंगे। सारी सुविधाएं कुबरेश्वर धाम में होंगी और सब नि:शुल्क।
पंडित मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि हो सकता है भीड़ अपार है, भोजन में थोड़ी देर हो सके, पानी मिलने में थोड़ी देर हो सके.. रुद्राक्ष नहीं मिले.. लेकिन उसकी कृपा मिलने में देर नहीं होगी। कोई हमारे कष्ट होंगे, जो हमको यहां पर कहीं न कहीं कष्ट सहन करना पड़ रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गोली में ज्यादा दम होता है या इंजेक्शन में दम होता है। इंजेक्शन से दर्द अधिक होता है मलना पड़ता है बर्फ लगाना पड़ता है। आंख में से आंसू आ जाते हैं। चीख निकल जाती है। थोड़ा दर्द होता है। पर वो इंजेक्शन लगने के बाद वो बीमारी ठीक हो जाती है। तब लगता है भले इंजेक्शन लगा, दर्द हुआ, कष्ट हुआ पर ठीक तो हुआ।
कुबरेश्वर महादेव धाम की मिट्टी फोटो पर चिपकाकर 700 रुपये में बिक रही
मिश्रा ने बताया कि यहां आने के बाद भी चाहे दुनिया के लोग कह रहे हैं, भक्तों को पानी तक नहीं मिला.. लोग भूखे रह गए। चाहे दुनिया के लोग कुछ भी कहें। लिखने वालों ने लिख दिया कि वहां पर खाने को नहीं पीने को नहीं। दस रुपये की बॉटल को 150-150 रुपये में बेचा है। इतना हृदय को घात लगा कि बोल नहीं सकता हूं। बस कथा बांच रहा हूं। इससे बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। जहां का गुणगान करता था कि आपको बुलाकरआनंद की अनुभूति होगी। वहां विचार करिएगा। यहां से सीहोर जाने के लिए जिस व्यक्ति से लोडिंग लगाई, उस व्यक्ति ने रेलवे स्टेशन ले जाने के लिए 300-300 रुपये लिए। उसका हृदयाघात है मुझे.. अंदर से दुखी हूं मैं.. कितनी तमन्ना थी। पहले बुरहानपुर कथा की, पूरे खोल दिए भंडारा। मालेगांव कथा करी। पूरे खोल दिए भंडारे। मगर यहां ऐसा होगा। ऐसा कभी नहीं सोचा था। मालूम नहीं था यहां गेहूं के खेत में भी फ्रेश होने जाएगा तो उससे भी बीस रुपए लिए जाएंगे। ये जिदंगी में नहीं सोचा था। और कुबेर भंडारी की मिट्टी.. कुबरेश्वर महादेव धाम की मिट्टी फोटो चिपकाकर 700 रुपए में बेच रहे हो। गजब.. गजब..।
पंडित मिश्रा ने कहा के दौरान कहा विश्वास से कह रहा हूं..जो नजारा अभी देखा है। इस नजारे के बल पर कहता हूं अगला रुद्राक्ष महोत्सव होगा। रुद्राक्ष वितरण भले नहीं हो। पर तुम्हारे लिए आरओ के वाटर की पूरी व्यवस्था और लेटबाथ की पूरी व्यवस्था, रुकने की पूरी व्यवस्था यहीं होगी। कोई धर्मशाला, कोई होटल नहीं। होटल से बड़ी होटल का निर्माण और होटल से सुंदर टेंटों का निर्माण भले कुछ भी लगे, पर सारी होटल जैसी सुविधा इसी प्रांगण में मेरा बाबा देवाजी देव महादेव कराएगा। कहीं नहीं जाने दूंगा। और सब नि:शुल्क। इतना कहना जरूर चाहूंगा। मुझे परखने में देरी हो गई। मैं मेरे बाबा में लगा रहा। जनमानस को नहीं परख पाया.. बाबा। मुझे क्षमा करना कि मैं इन्हें जान नहीं पाया। 150 रुपये की पानी की बॉटल। हद कर दी।
सनातन धर्म को बदलने का कभी प्रयास नहीं करना- प्रदीप मिश्रा
सनातन धर्म को बदलने का कभी प्रयास नहीं करना, ये तो दुनिया के लोग केवल तुम्हें तोड़ रहे हैं, सनातन धर्म से दूर कर रहे हैं, सनातन धर्म से तोड़ रहे हैं। परंतु तुम्हें नहीं टूटना है। तुम्हें एक ही बात कहना है बोल बम का नारा है और बाबा एक सहारा है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने सभी भक्तों को प्रवचन के दौरान कहा की आप को भोले पर भरोसा कायम रखना है। आप लाखों की संख्या में श्रद्धालु कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को कथा सुनने में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए आयोजन समिति और सेवाभावी लोगों द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में कथा सुनने आना आपकी भोलेनाथ के प्रति अविरल भक्ति को ही दर्शाता है। मैं आपको नमन करता हूं।
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विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि मंदिर परिसर में 12 एकड़ में बनी भोजशाला से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को भोजन-प्रसादी का वितरण किया जा रहा है। रविवार को भी करीब 50 क्विंटल से अधिक आटे की पूडी, तीन क्विंटल से अधिक नुक्ती, मिक्चर आदि भोजन प्रसादी का वितरण किया गया था। भोजनशाला में करीब चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों के सेवाभावी लोग भोजन निर्माण के साथ श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण कर रहे हैं।