इंदौर में पूर्वी रिंग और बायपास तो 25 साल पहले बनकर तैयार हो चुके है, लेकिन पश्चिमी क्षेत्र मेें रिंग रोड नहीं बन पाई। अब उसके निर्माण की कवायद शुरू हो रही है। शनिवार को एमपीआई डीसी और एनएचएआई के अफसरों के साथ आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बैैठक ली। बैठक मेें बताया कि पश्चिम रिंग रिंग रोड की लंबाई का लगभग 42.5 किलोमीटर है। जिसे इंदौर विकास प्राधिकरण योजना घोषित कर बनाएगा। सड़क को चारलेन बनाने की योजना है, लेकिन सड़क का कुछ हिस्सा आठ लेन बनेगा।
वेस्टर्न रिंग रोड के लिए लगभग 2200 हेक्टेयर भूमि लगेगी। इस योजना की लागत पांच हजार करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो साल पहले इस रोड के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति दी थी। इस नई सड़क के लिए सर्वे और मिट्टी परीक्षण हो चुका है।
दोनो तरफ ढाई सौ मीटर जमीन लेगा आईडीए
धार रोड के माचल से यह सड़क बनेगी,दूसरा सिरा शिप्रा के नजदीक रहेगा। सड़क का कुछ हिस्सा एमपीआईडीसी द्वारा निर्मित किया जाएगा। मार्ग चार लेन का बनाया जाएग,लेकिन कुछ हिस्से में सड़क आठ लेन भी बनेेगी। सड़क के दोनो तरफ ढाई सौ मीटर की भूमि इस योजना में शामिल होगी। बैठक में चावड़ा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के संबंध में जो भी तकनीकी बाधाएं होंगी, उन्हें जल्दी दूर कर इसका निर्माण करेंगे। बैठक में तय हुआ कि एनएचएआई सड़क का अलाइनमेंट जल्दी तय कर दें, ताकि योजना के लिए जमीन ली जा सके। कोशिश यह रहेगी कि प्रोजेक्ट मेें ज्यादा से ज्यादा सरकारी भूमि का उपयोग हो।
सड़क बनने से यह होगा फायदा
– शहर का संतुलित विकास होगा। अभी पूर्वी रिंग रोड और बायपास की तरफ नई कालोनियां व टाउनशिप बन चुकी है।
-पीथमपुर से धार रोड तक इंडस्ट्रीयल कारिडोर बन रहा है। इस सड़क के बनने से उसका विस्तार होगा।
-वेस्टर्न रिंग रोड के बनने से इंदौर के रियल एस्टेट सेक्टर में बूम आएगा। माचल से लेकर शिप्रा तक जमीनों के भाव बढ़ जाएंगे।