इंदौर: लोगों से रुपये लेकर प्लाॅट नहीं देने वाले भूमाफिया चंपू अजमेरा, चिराग शाह, हैप्पी धवन की काॅलोनियों से जुड़े प्रकरण की सुनवाई मंगलवार को हाईकोर्ट में हुए। 55 मिनिट चली सुनवाई में इंदौर के एडीएम अभय बेडेकर ने कहा कि भूमाफिया कमेटी को सहयोग नहीं कर रहे है और धमकियां दे रहे है। यदि वे किसानों को रुपये दें तो कुछ प्रभावितों का प्लाॅट मिल सकते हैै।
दो साल पहले प्रशासन ने भूमाफिया अभियान चलाया था और कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स व सेटेलाइट टाउनशिप के पीडि़तों को प्लाॅट दिलाने के कवायद शुरू कर थी। तब इन काॅलोनियों का काटने वाले भूमाफिया चंपू अजमेरा, चिराग शाह, हैप्पी धवन गिरफ्तार भी हुए थे। तब हाईकोर्ट नेे कहा था कि एक कमेटी बनाए और प्रभावितों को प्लाॅट दिलाएं।
उस कमेटी का जिम्मा अपर कलेक्टर बेडेकर के पास है। कोर्ट में उन्होंने कहा कि तीनों काॅलोनियों में 50 प्रतिशत पीड़ितों को न्याय दिलवाया गया। कुछ मामलों में भू माफियाओं द्वारा किसानों को पैसे नहीं दिए हैं इस कारण किसानों ने जमीन का कब्जा नहीं लेने दिया। भू माफियाओं द्वारा पीड़ितों को उनके पैसे वापस करने के लिए चेक देने का भी कहा गया, लेकिन कई पीड़ितों ने चेक लेने से मना कर दिया।
वे प्लाॅट ही चाहते है। कोर्ट को बताया गया कि कालिंदी गोल्ड की 96 शिकायत थी। फिनिक्स की 81 शिकायत थी,जबकि सेटेलाइट की 72 शिकायत थी। कुल 255 शिकायतों में से 133 का निराकरण करवाया गया है। अपर कलेक्टर ने कहा कि कालिंदी गोल्ड कंपनी में डायरेक्टर कोई महावीर जैन व निकुल कपासी है और इस कंपनी को पीछे से कोई और ऑपरेट करते हैं साथ ही एडीएम द्वारा बताया गया कि सरकारी विभागों में कॉलोनी की अनुमतियों के लिए जो दस्तावेज भूमाफियाओं द्वारा पेश किए गए थे। उसमें भी कई किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज बनाए है। जिन किसानों से सौदे किए गए।
उन्हें भी पूरा पैसा नहीं दिया। यदि भूमाफिया उनका पैसा दें तो कुछ पीडि़तों को और प्लाॅट मिल सकते हैै। कोर्ट मेें प्रभावितों के वकीलों ने कहा कि आरोपियों की जमानत होने के बाद कमेटी ने काम बंद कर दिया और अभी भी ज्यादातर प्रभावित भटक रहे है। पीडि़त पक्ष के वकीलों ने कहा कि आरोपीगणों के पास और भी कई जमीनें हैं अगर प्रशासन उन जमीनों पर प्लॉट दिलवाने संबंधी कार्रवाई करें तो सभी को प्लाॅट मिल सकते है। इस पूरे मामले को हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।