तीन चिताओं पर छह शव, पति-पत्नी, मां-बेटी व भाई-बहन का एकसाथ अंतिम संस्कार

खंडवा बुरहानपुर

खंडवा ।  आदिवासी विकासखंड खालवा के वनग्राम सुंदरदेव में गुरुवार को एक ही मोहल्ले से एक साथ छह अर्थियां उठने से माहौल गमगीन हो गया। अधिकांश घरों में दोपहर तक चूल्हा भी नहीं जला। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। तीन चिताओं पर छह शवों को रखा गया था। सीमावर्ती बुरहानपुर जिले में देड़तलाई-शेखपुरा मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास बुधवार दोपहर ट्रक और लोडिंग मिनी वाहन के बीच भिड़ंत में छह मजदूरों की मौत हो गई थी। सात से अधिक महिला-पुरुष घायल हुए थे। सभी मजदूर खालवा विकासखंड के वनग्राम सुंदरदेव के होने से गुरुवार को शवों का गांव में अंतिम संस्कार किया गया। सभी महाराष्ट्र से मजदूरी कर अपने गांव लौट रहे थे। सड़क हादसे में ग्राम के तीन परिवारों ने छह सदस्यों को खो दिया है। इनमें पति-पत्नी, मां-बेटी व भाई-बहन शामिल है। हादसे में घायल दस वर्षीय रविंद्र पुत्र रमेश के सिर से मां और पिता का साया उठ गया है। दुर्घटना उसके पिता 35 वर्षीय रमेश पुत्र मंगल और 31 वर्षीय मां जामवंती पत्नी रमेंश की मौत हो गई। घायल रामसिंग ने हादसे में अपनी पत्नी 34 वर्षीय पार्वती बाई और 12 वर्षीय बेटी नंदिनी को खो दिया है। ग्राम के ही श्रीराम के दो बच्चे 10 वर्षीय लक्ष्मी और चार वर्षीय दारासिंग की भी मौत हो गई है।

जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक

सुंदरदेव के मजदूरों की सड़क दुर्घटना में मौत पर क्षेत्रीय विधायक व वनमंत्री विजय शाह और जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यदित्य शाह ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होने मृतक परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। ग्राम सरपंच प्रवीण कास्डेकर ने भी दुःख जताते हुए बताया कि यह हमारे गांव के लिए यह बेहद दुखद घटना है। सभी मृतकों के स्वजनों को अंत्येष्टि सहायता प्रदान की गई है। सरकार की संबल योजना के अलावा वनमंत्री शाह के निर्देश पर वन सुरक्षा समिति द्वारा भी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है

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