कुछ ही देर में केंद्र सरकार देश के सामने आम बजट पेश करेगी। इस बजट में सरकार महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों पर खासा फोकस कर सकती है और इन वर्गों के लिए बजट में कई प्रावधान किए जा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि देश के विकास के लिए अहम इन वर्गों को सरकार क्या एलान कर सकती है और पिछले बजट की तुलना में इस बार का बजट महिलाओं, युवाओं और बुजुर्ग वर्ग के लिए कैसा रहा, आइए जानते हैं?
भारत में स्किल्ड युवाओं के हुनर और बाजार की मांग में असंतुलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में सरकार युवाओं को स्किल्ड बनाने और शिक्षा के लिए खास प्रावधान हो सकते हैं। देश में विकास में युवाओं के योगदान को देखते हुए सरकार इस वर्ग पर खास ध्यान दे रही है। ऐसे में सरकार वोकेशनल शिक्षा, रोजगार उत्पादन पर फोकस रहेगा। रोजगार के लिए हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा सकता है। स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार टैक्स में छूट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कुछ प्रावधान कर सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए भी सरकार विशेष एलान कर सकती है। खेलो इंडिया योजना में भी सरकार आवंटन बढ़ा सकती है।
बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार देने का ऐलान किया था। डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का ऐलान किया गया था।
युवाओं को ऑनलाइन स्किल, रीस्किल और अपस्किल बनाने के लिए DESH-Stack ई-पॉर्टल लॉन्च किया गया था। जिससे ट्रेनिंग लेकर युवा संबंधित नौकरी पा सकते हैं।
सरकार देश में स्टार्टअप कल्चर को काफी बढ़ावा दे रही है। इसके तहत 2022-23 के बजट में स्टार्टअप को तीन साल तक टैक्स में छूट का प्रावधान किया गया।
वित्तीय बजट 2022-23 में खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय को 3062 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था, जो कि 2021-22 के बजट के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा था।
राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत 138 करोड़, नेशनल सर्विस स्कीम के तहत 283 करोड़, नेशनल यूथ कॉर्प्स के तहत 75 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया।
खेलो इंडिया योजना पर केंद्र सरकार का खासा फोकस है। यही वजह है कि पिछले बजट में सरकार ने इस योजना की मद में 974 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने खासा फोकस किया। जम्मू कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रुपए और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 330 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था।
केंद्र सरकार देश की आधी आबादी पर खासा फोकस कर रही है। यही वजह है कि इस बजट में ऐसी कई योजनाओं का ऐलान हो सकता है, जिससे महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सरकार बजट आवंटन को बढ़ा सकती है। साथ ही महिलाओं के लिए सरकार टैक्स में छूट, स्किल डेवलेपमेंट, कामकाजी महिलाओं के लिए क्रेच सुविधा और मातृत्व अवकाश का लेकर भी ऐलान कर सकती है।
आर्थिक जनगणना के अनुसार, देश में महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान करीब 14 फीसदी थे। ऐसे में सरकार बजट में महिला उद्यमियों के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है और भारतीय महिला बैंक बिजनेस लोन, देना शक्ति स्कीम, उद्योगिनी स्कीम आदि की तर्ज पर किसी नई योजना का ऐलान हो सकता है।
बता दें कि 2022-23 के बजट में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए 25,172 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। सरकार हर साल के बजट में इस मद में आवंटन की सीमा को बढ़ा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत कई योजनाएं शुरू की गईं, जिनमें मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 लॉन्च की गईं। सक्षम आंगनवाड़ी कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में इंफास्ट्रक्चर को बेहतर करने की योजना थी। योजना के तहत दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया गया।
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना के तहत आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान जैसी योजनाएं संचालित की जाती हैं। इसके लिए सरकार ने पिछले बजट में 20,263 करोड़ रुपए आवंटित किए। मिशन वात्सल्य के तहत बाल सुरक्षा से जुड़ी सेवाएं और बाल कल्याण सेवाएं शामिल हैं। इसके लिए सरकार ने 1472 करोड़ रुपए आवंटित किए।
मिशन शक्ति के तहत संबल योजना संचालित हो रही है, जिसमें महिलाओं के वन स्टॉप सेंटर्स, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नारी अदालत, महिला पुलिस वॉलंटियर, महिला हेल्पलाइन, उज्जवला, विधवाओं के लिए घर आदि योजनाएं चल रही हैं। वहीं सामर्थ्य योजना के तहत उज्जवला योजना, स्वाधार गृह, वर्किंग वूमन हॉस्टल, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नेशनल क्रेच योजना जैसी योजनाएं चल रही हैं। इस मद में सरकार ने पिछले बजट में 3184 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बजट में आरबीआई के रेट सेविंग्स बॉन्ड्स 2020 की तर्ज पर किसी अन्य योजना का ऐलान हो सकता है, जिससे वरिष्ठ जनों की वार्षिक आय पर टैक्स में छूट की सुविधा मिल सकती है। इसके साथ ही टैक्स स्लैब में भी बुजुर्गों को सरकार थोड़ी छूट दे सकती है।
बता दें कि 2022-23 के बजट में सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए टैक्स स्लैब में छूट दी थी। जिसके तहत ढाई लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया था। वहीं ढाई लाख से पांच लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगाया गया था। पांच लाख से साढ़े सात लाख तक 10 प्रतिशत और साढ़े सात लाख से दस लाख तक 15 प्रतिशत टैक्स लगाया गया। दस लाख से साढ़े बारह लाख तक की आय पर 20 फीसदी, साढ़े बारह लाख से पंद्रह लाख तक 25 फीसदी और पंद्रह लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया था।
80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए ऐसा रहा था टैक्स में छूट का दायरा
तीन लाख रुपए सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया था। वहीं तीन से पांच लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत, पांच से साढ़े सात लाख तक 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया था।