गणतंत्र दिवस से पहले पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान बॉर्डर पर देशभक्ती से ओतप्रोत माहौल देखने को मिला। अटारी-वाघा बॉर्डर पर जवानों का शौर्य देख दुश्मन खौफजदा नजर आए। इस दौरान मौजूद लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान जवानों में जोश हाई दिखा।
भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद सीमा स्तंभ संख्या 102 के पास एतिहासिक शेर शाह सूरी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड पर ‘अटारी-वाघा’, संयुक्त चेक पोस्ट ‘जेसीपी’ स्थापित की गई थी। भारत की तरफ वाले गांव को ‘अटारी’ कहा जाता है।
यह महाराजा रणजीत सिंह की सेना के जनरलों में से एक, सरदार शाम सिंह अटारीवाला का पैतृक गांव था। पाकिस्तान की तरफ वाला द्वार, वाघा के नाम से जाना जाता है। जैसे भारत में ‘अटारी बॉर्डर’ कहा जाता है, उसी तरह पाकिस्तान में इसे ‘वाघा बॉर्डर’ के नाम से पहचाना जाता है।