नेपाल में रविवार को हुए विमान हादसे में कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे को लेकर पायलटों और विमान दुर्घटना जांच विशेषज्ञों ने कहा कि दुर्घटना का कारण गलत संचालन, विमान प्रणाली की खराबी या पायलट की थकान हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटना के सही कारणों का पता विस्तृत जांच के बाद ही चलेगा।
हिमालयी राष्ट्र में हाल के वर्षों में कई विमान दुर्घटनाएं हुई हैं। काठमांडू से पोखरा जा रहे यति एयरलाइंस के एटीआर-72 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर आसमान साफ देखा जा रहा है और मौसम खराब नहीं है।
एक विमान दुर्घटना जांचकर्ता ने बताया कि वीडियो क्लिप के मुताबिक विमान की नाक थोड़ी ऊपर उठी हुई है और दुर्घटना होने से पहले उसके पंख बाईं ओर झुक गए थे। वहां एक एंगल हो सकता है।
नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि दुर्घटना के सटीक कारणों का पता विस्तृत जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा। शुरुआत में ऐसा लगता है कि पायलट ने इसे सही तरीके से नहीं संभाला या विमान के अटैक सिस्टम के एंगल में खराबी थी।
जांचकर्ता कई विमान दुर्घटनाओं की जांच में शामिल रहा है। साल 2020 में कालीकट विमान दुर्घटना की जांच से भी निकटता से जुड़ा था।
एक प्रमुख भारतीय वाहक विमान के पायलट ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि नेपाल जैसे इलाकों में उड़ान भरते समय प्रक्रियाएं सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि पायलट की थकान सहित कई कारक दुर्घटना का कारण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह खुद भी नेपाल जाते हैं। पायलट ने कहा, उड़ान भरते समय हर कदम पर निर्णय लेना होता है और एक पायलट को अच्छे आराम की जरूरत होती है। इसलिए पायलट की थकान कारण हो सकती है और प्रक्रियाओं का पालन न होने की संभावना भी हो सकती है।