जबलपुर : मध्य प्रदेश सरकार के स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में इंटरनल उम्मीदवारों के इन हाउस विज्ञप्ति से भर्ती करने के आदेश पर जबलपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में कोर्ट ने सरकार से भर्ती को लेकर कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
जबलपुर हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश को चुनौती दी गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने रोक लगा दी। अधिवक्ता सौरभ सुंदर ने बताया कि डॉ रोहित शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें मध्य प्रदेश सरकार के 27 दिसंबर 2022 के ऑर्डर को चुनौती दी गई। इस आदेश में स्वशासी मेडिकल कॉलेजों को सीधी भर्ती के पदों पर इंटरनल विज्ञप्ति निकाल कर इटरनल उम्मीदवार को भर्ती करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। आदेश दिए है कि किसी भी शासकीय मेडिकल कॉलेज में खाली पद को भरने के लिए इंटरनल विज्ञप्ति जारी नहीं की जाएगी। साथ ही सरकार से बोला है कि कोर्ट को बताए इस मामले में क्या कार्रवाई की जा रही हैं।
क्या है सरकार का आदेश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 27 दिसंबर 2022 को सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और प्राध्यापक पदों पर भर्ती के लिए आदेश जारी किए गए थे। इस आदेश में सभी स्वशासी मेडिकल कॉलेज और दंत महाविद्यालयों में सीधी भर्ती एवं पदोन्नति/ सीधी भर्ती के पद के लिए संस्था के अधीन सेवारत/ प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होकर कार्यरत अर्हताधारी के उपलब्ध होने की स्थिति में इन हाउस विज्ञाप्ति जारी करने को कहा गया था। आदेश में संस्था में अर्हताधारी के उपलब्ध नहीं होने पर ओपन विज्ञप्ति जारी करने को कहा गया।
पहले भी सरकार ने लगाई रोक
बता दें इन आउस विज्ञप्ति निकालकर भर्ती करने पर पहले भी कोर्ट ने रोक लगाई थी। इस मामले में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की तरफ से इंटरनल विज्ञप्ति निकाली गई थी। जिसके खिलाफ इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 23 नवंबर 2022 को इंटरनल विज्ञप्ति से भर्ती पर रोक लगा दी थी।