भोपाल: प्रदेश के सभी स्कूलों में अब सरकार हमारा विद्यालय हमारा कोष योजना संचालित करेगी। इस योजना के तहत पूर्व विद्यार्थियों, दानदाताओं से प्रदेश के सरकारी स्कूलों, छात्रावासों की सहायता के लिए राशि, सामग्री, भूमि, शाला के जीर्णेद्धार, भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण और अधोसंरचना विकास के लिए दान लिया जाएगा। इसके जरिए पूर्व विद्यार्थियों में आत्म गौरव की भावना जागृत होगी वहीं राज्य पर वित्तीय भार डाले बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। इस योजना के जरिए पुराने छात्रों को मेरा विद्यालय है ऐसा भाव जागरण होगा।
पूर्व छात्र का शाला से जुड़ाव मात्र दान देने तक ही सीमित नहीं होगा अपितु शाला और उसके बीच जीवंत संपर्क बना रहेगा ताकि वह भी शाला के भौतिक और अकादमिक विकास का साक्षी बन सके। इस जीवंतता से समाज को लाभ पहुंचेगा। इस योजना के अंतर्गत जहां एक ओर पूर्व विद्यालय के प्रति संबंधित व्यक्तियों में सामाजिक उत्तरदायित्व के बोध का क्रियान्वन होगा वहीं दूसरी ओर इस कार्य से आगे आने वाली पीढ़ियों को इस सदकार्य हेतु प्रेरणा भी प्राप्त होगी।
इस तरह संचालित होगी योजना
योजना के अंतर्गत पूर्व छात्रों की हमारा विद्यालय हमारा कोष समिति फर्म्स एवं सोसायटी अधिनियम के तहत गठित की जाएगी। योजना में शाला से जुड़ने हेतु सहयोगी के पास सहयोग देने हेतु तीन विकल्प होंगे। राशि, सामग्री एवं अधोसंरचना के कार्य के जरिए सहयोग किया जा सकेगा। इसके लिए पोर्टल का निर्माण किया जाएगा जिससे सभ्ज्ञी शालाओं, छात्रावासों की आवश्यकताओं की जानकारी उपलब्ध होगी एवं कोई भी दानदाता पूर्व छात्र, शालाओं, छात्रावास को दान देने की सहमति पोर्टल के माध्यम से दे सकेगा। इस योजन के अंतर्गत विद्यालय स्तर पर योजना के क्रियान्वयन हेतु विद्यालय स्तरीय समिति भी गठित की जाएगी जिसमें अध्यक्ष पूर्व छात्र और सचिव प्राचार्य, प्रधानाचार्य होंगे। राज्य स्तर परयोजना के क्रियान्वय हेतु विद्यालय स्तरीय समिति गठित होगी जिसके अध्यक्ष प्रमुख सचिव, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग होंगे तथा आयुक्त आदिम जाति कल्यााण एवं आयुक्त संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र इसके सचिव होंगे। योजना में वेब पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। इस पोर्टली के माध्यम से दानदाता पूर्व छात्र प्रदेश की किसी भी शासकीय शाला, छात्रावास को दान देने हेतु आनलाईन पंजीयन कर सकेंगे। इसके लिए सभी शालाओं की आवश्यकताओं की सूचील पोर्टल पर उपलब्ध होगी। दानदाताओं को धन्यवाद पत्र भी दिया जाएगा और शाला के विभिन्न कार्यक्रमों में उनके विशिष्ट आतिथ्य हेतु आग्रह भी किया जाएगा। शाला स्तर पर राशि से अधोसंरचना नवीन एवं उन्नयन संबंधी कार्य स्वीकृत किये जा सकते है।