इंदौर: आठ से दस जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए शहर के कई सड़कों को सुदंर बनाया जा रहा है, लेकिन निर्माण के नाम पर फिजूलखर्ची भी हो रही है। बापट चौराहा से ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर तक 11 साल पहले बनी सीमेंट की सड़क पर नगर निगम ने जगह-जगह डामर का पेचवर्क कर दिया, ताकि गा़ड़ी में बैठकर आने वाले मेहमानों को दचके का अहसास न हो। इसके अलावा सड़क के दोनों तरफ पहले बने फुटपाथों के पेवर ब्लॉक उखाड़ कर नए लगा दिए गए, जबकि उन्हें पेंट भी किया जा सकता था।
पहले सड़क चौड़ी की, फिर पेचवर्क
नगर निगम ने सड़क के कुछ हिस्सों का चौड़ीकरण किया और ग्रीन बेल्ट को भी बढ़ाया, लेकिन अब उसके आसपास डामर का पेचवर्क किया जा रहा है। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर और न्याय नगर चौराहे के पास पेचवर्क हुआ है। इसके अलावा बापट चौराहे के पास ब्रिज पर पुरानी रैलिंग पर ही नई रैलिंग लगा दी गई। उधर इंदौर विकास प्राधिकरण ने भी सुपर कारिडोर के आठ लेन ब्रिज के कुछ हिस्सों में डामर का पेचवर्क किया है। पांच माह पहले इस ब्रिज पर एक सुराख हो गया था और ब्रिज की एक लेन दो माह के लिए बंद थी।
सीमेंट पर डामरीकरण गलत नहीं
इस मामले में नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर का कहना है कि सीमेंट की सड़क पर डामरीकरण गलत नहीं है। पूर्व में भी शहर की कई सड़कों पर डामरीकरण किया गया है। फुटपाथ से जो पुराने पेवर ब्लॉक निकाले गए है। उन्हें स्कीम-136 के ही पुराने मार्गों और बगीचों में लगाया गया है।
डामर की लेयर स्थाई नहीं रहती
विशेषज्ञ अतुल शेठ का मानना है कि सीमेंट की सड़क पर डामर का पेचवर्क आजकल होने लगा है,लेकिन यह स्थाई नहीं रहता। कुछ दिनों बाद डामर निकल जाता है। कोशिश यही होना चाहिए कि सीमेंट की सड़क पर सीमेंट से ही पेचवर्क किया जाए।