भारत में कोरोना अलर्ट के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ करीब दो घंटे मीटिंग की। इसके कुछ घंटे बाद ही हेल्थ मिनिस्ट्री ने इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी। इसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग करने का निर्देश दिया गया। 24 दिसंबर से यह लागू होगा।
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रिव्यू मीटिंग ली। इसमें गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के मंत्री-अधिकारी समेत नीति आयोग के CEO शामिल हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने लोगों से मास्क पहनने की अपील की। साथ ही कोरोना की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने, बुजुर्गों के टीकाकरण पर ध्यान देने का निर्देश दिया।
PM मोदी ने एयरपोर्ट पर भी बाहर से आने वाले यात्रियों की कड़ी निगरानी किए जाने और जीनोम सिक्वेंसिंग व टेस्टिंग पर ध्यान देने की बात कही। सूत्रों के मुताबिक, सरकार मास्क पहनना अनिवार्य कर सकती है। इसके लिए जल्द गाइडलाइन जारी की जाएगी।
इधर,चीन से लौटे गुजरात में भावनगर शहर के एक कारोबारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कारोबारी की रैपिड टेस्ट के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। अब सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए गांधीनगर भेजा गया है। युवक के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उनका भी टेस्ट करवाया जा रहा है।
इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस में क्या…
- सभी ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेडेट होने चाहिए। फ्लाइट्स में और एंट्री प्वाइंट्स पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जैसे-मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
- पैसेंजर में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा। फ्लाइट से उतरने के बाद भी उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
- फ्लाइट से उतरते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एंट्री फ्वाइंट पर सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
- स्क्रीनिंग में किसी पैसेंजर में लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर इलाज के लिए भेजा जाएगा। इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।
- इन पैसेंजर्स का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे।
- यदि कोई सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हे आइसोलेट किया जाएगा।
- यात्रा से लौटने पर सभी यात्री अपनी हेल्थ का ध्यान रखेंगे। यदि इनमें से किसी में लक्षण बाद में दिखाई देते हैं तो वह नजदीकी हेल्थ सेंटर्स पर इसकी जानकारी देंगे।
- 12 साल तक के बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा।