उमरिया । बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक महीने के अंदर पांचवें तेंदुए की मौत हो गई है। मंगलवार की सुबह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतोर कोर रेंज में एक तेंदुए का शव पाया गया है। तेंदुए का शव रिजर्व फॉरेस्ट 386 बड़का खोर में पाया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने एक विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें हमेशा की तरह इस तेंदुए की मौत को भी बाघिन के साथ हुए संघर्ष का परिणाम बताया गया है।
गर्दन में चोट
तेंदुए की गर्दन में चोट के निशान हैं, जिससे खून बह रहा था और इस चोट को बाघिन के दांतों के कारण हुआ बताया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन के साथ हुए संघर्ष को ही घटना की मुख्य वजह बताया है।
गाय के शिकार के कारण संघर्ष
विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि घटनास्थल के पास ही एक शिकार की गई गाय पाई गई है। इससे वन विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि इसी शिकार के लिए बाघिन और तेंदुए के बीच संघर्ष हुआ होगा। दोनों के बीच हुए संघर्ष के दौरान तेंदुए पर बाघिन भारी पड़ गई और तेंदुए की जान चली गई। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघिन के दांत तेंदुए की गर्दन में गड़ गए थे जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
शव को पीछे घसीटा
हालांकि यह भी पता चला है कि तेंदुए के शव को उसके स्थान से कुछ दूरी तक पीछे की तरफ खींचा गया है। डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची टीम ने अनुमान लगाया है कि बाघिन ने तेंदुए के शव को खींचकर पीछे की तरफ किया होगा। बाघिन ने ऐसा क्यों किया होगा इसका कोई जवाब फिलहाल सामने नहीं आया है। दरअसल वन विभाग ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर मौजूद विशेषज्ञ यह बता रहा है कि बाघिन का शव पीछे की तरफ खींचा गया है, लेकिन यह विशेषज्ञ इस बारे में कोई बात स्पष्ट नहीं कर रहा कि बाघिन ने ऐसा क्यों किया होगा।
फंदे की भी आशंका
इस मामले में यह आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह से तेंदुए की गर्दन में चोट लगी है वह फंदे से भी लग सकती है। यानी जंगल के अंदर शिकारियों ने फंदा लगाया होगा जिसमें तेंदुए की गर्दन फंस गई होगी, लेकिन इस तरह की किसी बात की पुष्टि करने से वन विभाग ने इंकार कर दिया है। वन विभाग के अधिकारी इसी बात की पुष्टि कर रहे हैं कि तेंदुए की मौत बाघिन के साथ संघर्ष में हुई है। इस बारे में जानकारी देते हुए एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि यह घटना आपसी संघर्ष का ही परिणाम है।