भोपाल । 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने कमर कसना शुरू कर दी है। कटनी में पार्टी के विस्तारित प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में यह संकेत दे दिया गया है कि मप्र में भी भाजपा गुजरात फॉर्मूले पर ही चुनाव लड़ेगी। यानी जनता में पकड़ रखने वालों को ही टिकट दिया जाएगा। गुजरात फॉर्मूले पर मप्र भाजपा जोर दे रही है। उसे लागू किया गया तो कई नेताओं के नीचे से जमीन खिसक जाएगी। पिछला चुनाव हारने वाले पांच हजार से कम वोटों से जीतने वाले तीन से पांच बार के विधायकों पर भी संकट के बादल हैं। इसके अलावा सर्जरी में कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को भी पार्टी टिकट नहीं देगी। सूत्रों का कहना है कि गुजरात चुनाव परिणाम आने के बाद से ही आलाकमान ने चुनावी राज्यों को गुजरात फॉर्मूला अपनाने का निर्देश दे दिया था। अब प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने साफ बोल दिया कि जनता में पकड़ रखने वालों को ही टिकट दिया जाएगा। उन्होंने पेराशूट से टिकट का सपना देखने वालों को भी करारा झटका दिया है। उन्होंने सबसे पहले तो उन विधायकों को आगाह किया जो चुनाव जीतने के बाद जनता से दूर हो गए। उन्होंने साफ कर दिया कि जनप्रतिनिधि को क्षेत्र में सक्रिय रहना चाहिए। नहीं है तो वे हो जाएं जो काम अधूरे है उन्हें पूरे कराएं।
जनता तय करेगी टिकट
जनता के बीच में रहकर उनके कामों पर फोकस किया जाए। इस बार टिकट किसको दिया जाएगा ये जनता तय करेगी। पार्टी फीडबैक लेने के बाद में टिकट पर विचार करेगी। ऐसा मत सोचें कि जमीन पर कुछ नहीं है तो टिकट मिल जाएगा। ऐसे लोगों को टिकट भी नहीं मांगना चाहिए। मैदान में जनता के बीच रहने वाले को ही टिकट दिया जाएगा। राव ने सोशल मीडिया पर भी फोकस किया। पूछ लिया कि फेसबुक पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर किस-किस के हैं? राव का कहना था कि सभी विधायक व जिला अध्यक्षों को सोशल मीडिया पर सक्रिय होना चाहिए। हमारी हर गतिविधि व सरकार की योजनाओं को डालना चाहिए ताकि जनता को मालूम रहे कि हम क्या कर रहे हैं? इसके लिए संगठन एप भी बनाया है उस पर सक्रिय रहें।
51 प्रतिशत वोट पर हमको फोकस
पार्टी नेताओं का कहना था कि जैसा काम गुजरात में हुआ वैसे ही संगठनात्मक गतिविधि हमको यहां भी मजबूत करना है। गुजरात में 53 प्रतिशत वोट पार्टी को मिले हैं। 51 प्रतिशत वोट पर हमको फोकस करना है। बूथ पर 20-20 सदस्यों की समिति को सक्रिय करना है तो पन्ना प्रमुख तक हमको जाना है।