भारत के सुप्रीम कोर्ट को भारतीय सेना ने मंगलवार को सूचित किया कि सेना में महिला अधिकारियों के लिए विशेष चयन बोर्ड 9 जनवरी 2023 से शुरू होगा, जब लगभग 246 महिला अधिकारियों के मामलों की सुनवाई की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ को सेना ने महिला सेना अधिकारियों के लिए रैंक पदोन्नति की मांग वाली याचिका पर दायर एक आवेदन का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। न्यायालय ने अब बोर्ड के परिणामों को उसके समक्ष रखने का निर्देश दिया है और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 30 जनवरी, 2023 को सूचीबद्ध किया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट वी मोहना ने प्रस्तुत किया था कि केवल महिला अधिकारियों की पदोन्नति को रोकना मनमाना है। भारतीय संघ की ओर से पेश वकील कर्नल बालासुब्रमण्यम ने तब अदालत को सूचित किया कि महिला अधिकारियों को सुना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महिला सेना अधिकारियों के लिए रैंक प्रमोशन की मांग वाली एक याचिका में दायर एक आवेदन में शुक्रवार को सेना के अधिकारियों (रक्षा मंत्रालय) को आगाह किया था कि वह महिला सेना अधिकारियों की प्रमोशन सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी आदेश पारित करेगा।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में चिंता व्यक्त की थी कि अधिकारी, महिला अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने इस मामले में उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को संदेश दिया था कि सेना के अधिकारियों को अपने घर को व्यवस्थित करना चाहिए और उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में खंडपीठ को अवगत कराना चाहिए। बेंच ने कहा था, “हमें लगता है कि आप इन अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं रहे हैं। हम तत्काल आदेश पारित करने जा रहे हैं, आप अपना घर व्यवस्थित करें और हमें बताएं कि आप क्या कर रहे हैं।” बेंच को शुरुआत में एएसजी ने बताया था कि प्रमोशन के लिए 150 सीटें मंजूर की गई हैं।” महिला अधिकारियों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सुश्री वी. मोहना ने इस बात पर नाराज़गी जताई थी कि सचिव, रक्षा मंत्रालय बनाम बबीता पुनिया के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं से 1200 अधिकारियों (पुरुष) जूनियर को प्रमोट किया गया है।
केस टाइटल : निशा बनाम भारत संघ एमए 1913/2022 WP(C) नंबर 1109/2020