नई दिल्ली: यूएनओसीए/एलआरए (यूएन रीजनल ऑफिस फॉर यूएनओसीए) पर यूएनएससी की ब्रीफिंग के दौरान राजदूत कंबोज ने कहा, भारत के मध्य अफ्रीकी के देशों के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। हमने इस क्षेत्र में अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाई है।
भारत ने मध्य अफ्रीका में परियोजनाओं के लिए 2 बिलियन डालर के ‘सॉफ्ट लोन’ देने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा कंबोज ने मध्य अफ्रीका के क्षेत्रों के साथ नई दिल्ली के सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करते हुए ये बातें कही।
यूएनओसीए/एलआरए (यूएन रीजनल ऑफिस फॉर यूएनओसीए) पर यूएनएससी की ब्रीफिंग के दौरान राजदूत कंबोज ने कहा, “भारत के मध्य अफ्रीकी के देशों के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। हमने इस क्षेत्र में अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाई है। क्षेत्र में विकास के लिए हमारी सहायता और समन्वय स्थायी रहा है। उन्होंने कहा, “हमने क्षेत्र के देशों को कृषि, परिवहन, बिजली और पानी की आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 2 बिलियन अमरीकी डालर का ‘सॉफ्ट लोन’ दिया है।”
संयुक्त राष्ट्र में भारत के शीर्ष राजदूत ने कहा कि देश की ड्यूटी-फ्री टैरिफ वरीयता (डीएफटीपी) योजना कई मध्य अफ्रीकी देशों पर भी लागू है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत अपने लोगों के लिए शांति, सुरक्षा और विकास को आगे बढ़ाने के लिए मध्य अफ्रीका के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना जारी रखेगा।
कबोज ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य अफ्रीकी क्षेत्र के देशों में राजनीतिक घटनाक्रम सकारात्मक रहे हैं, जो चुनावी प्रक्रियाओं, देशों के बीच नियमित आदान-प्रदान और सहयोग के आधार पर चिह्नित किए गए हैं। भारतीय दूत ने रेखांकित किया कि मध्य अफ्रीकी क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक और मानवीय स्थिति बहुआयामी चुनौतियों को दर्शाती है, जो ऐतिहासिक अन्यायों से प्रभावित हैं और विकास के लिए जूझते रहे हैं।