भोपाल: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भाजपा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने उक्त पत्र 30 नवंबर को लिखा, जिसमें उन्होंने प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने ससुर प्रमोद कुमार मिश्रा की नियुक्ति जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति करवाई है.
विवाद मिश्रा की उम्र को लेकर है, वे 67 वर्ष के हैं और विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि इस उम्र में उनकी नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुई है.
बता दें कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा बीते 17 नवंबर को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें डॉ. मिश्रा को पांच वर्ष के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था. विपक्षी कांग्रेस तब से ही इस नियुक्ति पर सवाल उठाती रही है.
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने नियुक्ति आदेश वाले दिन ही ट्वीट करते हुए सवाल पूछा था कि क्या पीके मिश्रा की नियुक्ति इसलिए की गई है कि वे संघी, अतियोग्य हैं या वीडी शर्मा जी के ससुर हैं.
अब नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है, ‘आप सार्वजनिक रूप से यह कहते हैं कि ‘न खाऊंगा, ना खाने दूंगा’, परंतु मध्य प्रदेश में भाजपा सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जी ने अपने ससुर प्रमोद कुमार मिश्रा को उनकी आयु 67 वर्ष से अधिक होने के बाद भी नियम विरुद्ध 5 वर्ष के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति बनवाया है.’
उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए आगे कहा है, ‘नियमों में प्रावधान है कि 70 वर्ष से अधिक आयु वाला व्यक्ति कुलपति के पद पर नहीं रह सकता और 67 वर्ष से अधिक आयु का शिक्षाविद आवेदन नहीं कर सकता है.’
गोविंद सिंह ने साथ ही इस ओर भी इशारा किया है कि इसी विश्वविद्यालय में वीडी शर्मा की पत्नी भी सेवारत हैं.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है, फिर भी वीडी शर्मा की पत्नी को सुविधा की दृष्टि से भोपाल में संलग्न कर रखा है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पर निशाना साधने के साथ-साथ उन्होंने शहडोल ज़िले के पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय में अपात्रों की नियुक्ति का भी सवाल उठाया है और लिखा है, ‘इसी प्रकार प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में विद्वान एवं पात्र आवेदकों की उपेक्षा करके भाजपा के मंत्रियों एवं नेताओं के निकटतम परिजनों की नियुक्तियां करके उपकृत किया जा रहा है. क्या भाजपा का यही सुशासन है.’
अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस संंबंध में संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें.
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