सागर । सहायक उप नरीक्षक एवं अन्य पुलिस बल पर तेजाब से हमला़ करने वाले आरोपित को विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम संजीव श्रीवास्तव की न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले की पैरवी अति. जिला अभियोजन अधिकारी शिवसंजय एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जानिये पूरा मामला
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि थाना कोतवाली सागर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ अनुसूचित जनजाति का सदस्य फरियादी अनिल कुजूर को अभियुक्त योगेश कुमार सोनी वल्द श्याम बिहारी सोनी का कुटुम्ब न्यायालय सागर के विविध आपराधिक प्रकरण क्रमांक 198/2015 में पेशी दिनांक 30 सितम्बर 2019 का वसूली/गिरफ्तारी वारंट तामीली के लिए थाना प्रभारी ने तामीली के लिए दिया था, जिसकी तामीली के लिए घटना दिनांक 29 सितम्बर 2019 को फरियादी सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर थाने से आरक्षक 331 राजेश पांडे को हमराह लेकर वारंटी योगेश सोनी के निवास गनेश घाट गया। इसके पूर्व भी वह वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी की तलाश के लिए उसके घर जा चुका था, लेकिन अभियुक्त योगेश सोनी मिलता नहीं था और उसके पिता अभियुक्त श्याम बिहारी, मां राधारानी और भाभी कृष्णा सोनी मिलती थी जो सभी यह अच्छी तरह से जानते थे कि फरियादी अनुसूचित जनजाति वर्ग का है। दिनांक 29 सितम्बर को वह वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी पर वारंट की तामीली के लिए गया था।
पुलिस ने वारंट दिखाया तो माता-पिता ने रोका
उन्होंने बताया कि इसके पूर्व उसे मुखबिर से यह खबर प्राप्त हुई थी कि वारंटी योगेश सोनी घर पर ही है, फरियादी ने हमराह आरक्षक राजेश पांडे के साथ वारंटी के घर पहुंचकर उसके पिता आरोपित श्याम बिहारी को अभियुक्त योगेश सोनी का वारंट दिखाकर यह बताया कि योगेश का वसूली वारंट है और उसे यह पक्की खबर है कि आरोपित घर में ही है, जिसे लाकर पेश किया जाए या वसूली वारंट की राशि 1,28,000/-रूपये अदा की जाए। इसी बीच आरोपित राधारानी एवं कृष्णा सोनी आ गए और तीनों ने यह कहा कि योगेश घर पर नहीं है, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर ने उनसे मकान की तलाशी लेने की बात कही तो श्याम बिहारी, राधारानी एवं कृष्णा अड़ गए और उन्होंने फरियादी को घर में जाने से मना किया। सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर ने आरक्षक राजेश पांडे को वारंटी पर निगाह रखने की कहते हुए यह बताया कि वह थाना कोतवाली से पुलिस बल लेने के लिए जा रहा है। थाना कोतवाली जाते समय फरियादी को रास्ते में थाना कोतवाली की मोबाइल मिली जिसे प्रधान आरक्षक चालक जितेन्द्र मिश्रा चला रहा था और गाड़ी में उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, महिला आरक्षक शशि शिल्पी एवं महिला सैनिक गया बाई बैठे थे। अनिल कुजूर ने उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा को सारे हालात बताए और फिर वह उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा और पुलिस बल को लेकर वारंटी के निवास पर पहुंचा।
पुलिसकर्मियों पर एसिड अटैक
उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा के बार-बार कहने पर भी श्याम बिहारी, राधारानी और कृष्णा नहीं माने और झगड़ा करने के लिए आमादा हो गए और वे तीनों पुलिस बल के साथ झूमाझटकी करने लगे। उन्होंने आरोपित को पेश नहीं किया व झूठ बोला कि वह घर पर नहीं है। इसी बीच आरोपित घर के पीछे तरफ भागता हुआ दिखाई दिया और जब पुलिस उसके पीछे भागी तो उसने एसिड से भरी कांच की बोतल हाथ में उठा ली और पुलिस को धमकी दी। पुलिस जब नहीं हटी तो उसने फरियादी पर एसिड उसके उपर फेंक दी। इससे उसका सिर गर्दन, कान, सीना, पीठ, कमर, वर्दी वाली शर्ट जल गई। सहयोगी पुलिसकर्मी पहुंचे तो आरोपित के बचाव में श्यामबिहारी, राधारानी और कृष्णा सोनी उनके साथ झूमाझटकी कर रोकने लगे। फेंके गए एसिड के छीटे आरक्षक राजेश पांडे, महिला आरक्षक शशि के उपर भी पड़े, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा ने घायल को बीएमसी में इलाज के लिए भेजा। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपित को कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड लगाया। कोर्ट ने अन्य धारा में सजा व अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया।