5 महीने पहले इंदौर कलेक्टर का तबादला हो जाने से सभी को आश्चर्य

इंदौर मध्यप्रदेश

इंदौर । कलेक्टर मनीष सिंह का तबादला हो जाने पर इंदौर के माफियाओं ने जश्न मनाया और कलेक्टर कार्यालय के दरवाजे पर आतिशबाजी की । करीब 5 महीने पहले ही कलेक्टर का तबादला हो जाने से सभी को आश्चर्य हो रहा है ।राज्य शासन के द्वारा कल शाम को एक आदेश जारी कर इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह को स्थानांतरित करते हुए एकेवीएन का एमडी और मेट्रो रेल कारपोरेशन का एमडी बना दिया गया ।

 

जिन दो विभागों में उन्हें भेजा गया है वह दोनों विभाग राज्य सरकार की प्राथमिकता वाले कामों के विभाग हैं । इन विभागों में अभी बहुत ज्यादा काम के अवसर है और चुनौती है । इस स्थिति को देखते हुए ही इन विभागों में मनीष सिंह की पदस्थापना की गई है ।इस तबादला आदेश के जारी होने के बाद इंदौर के माफियाओं ने कलेक्टर कार्यालय के दरवाजे पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया ।

इन माफियाओं ने सामने आने की हिम्मत तो नहीं दिखाई लेकिन पर्दे के पीछे से आतिशबाजी करके अपनी खुशी को जाहिर कर दिया । मनीष सिंह के द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान इंदौर के जमीन माफिया के साथ ही साथ राशन माफिया, मनुक्का माफिया, शराब माफिया, गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के माफिया के खिलाफ सीधी कार्रवाई की गई है ।इसके साथ ही सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उन जमीनों को वाले वाले बेचने वालों के खिलाफ भी प्रशासन का रुख सख्त रहा है । इस स्थिति के चलते हुए इन माफियाओं ने कलेक्टर के तबादले पर जश्न मनाया । वैसे तो कलेक्टर के पद पर मनीष सिंह की पदस्थापना के 3 वर्ष होने की स्थिति में यह सभी को मालूम था कि उनका तबादला होना है । ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि मार्च 2023 में कलेक्टर का तबादला होगा लेकिन 5 महीने पहले ही अचानक कलेक्टर का तबादला कर दिए जाने से इंदौर में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है ।

वे सम्मान ले रहे थे और आ गया तबादला आदेश

कलेक्टर मनीष सिंह का तबादला आदेश उस समय जारी हुआ जिस समय वह भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में व्यक्त प्रदेश सरकार की ओर से दिए जा रहे प्रदेश गौरव सम्मान को ग्रहण कर रहे थे । इंदौर की स्वच्छता के लिए उनके द्वारा किए गए काम के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया । ध्यान रहे कि इसी काम के लिए कलेक्टर को पीएम एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुका है ।

कलेक्टर को मालूम था

कलेक्टर को इस बात का आभास था कि उनका तबादला इस समय किया जा रहा है और इस बात का भी आभास था कि उन्हें सरकार की प्राथमिकता के काम करने के लिए चुनौतीपूर्ण जगह पर भेजा जा रहा है । यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से कलेक्टर के द्वारा ऐसे कामों को टालना शुरू कर दिया गया था, जिन्हें की करना आवश्यक नहीं है ।

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