इंदौर । स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट के मामले में इंदौर ने भोपाल को पीछे छोड़ दिया है। इंदौर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी मिलकर शहर में ऐसे ट्रैफिक सिग्नल लगा रही है जो ट्रैफिक लोड बढऩे और वाहनों के तेज हॉर्न सुनकर अपने आप ग्रीन हो जाएंगे। इस प्रकार ट्रैफिक सिग्नल के जल्दी ग्रीन होने से चौक चौराहों से वाहनों के पास होने की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी जिसके चलते ट्रैफिक जाम नहीं लगेगा और वाहन धीरे-धीरे आगे सरकते जाएंगे। बात करें भोपाल की तो यहां अभी तक ट्रैफिक सिग्नल का सिंक्रोनाइजेशन नहीं हुआ है यानी एक चौराहे से दूसरे चौराहे की तरफ जाने वाले ट्रैफिक लोड के आधार पर ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं करते। यह मैनुअल तरीके से फिक्स टाइम में सेट करके रखे हुए हैं। भोपाल में 300 से ज्यादा ट्रैफिक कर्मचारियों को उतारकर ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जा रहा है।
इंदौर में 50 प्रमुख चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ ऋषभ गुप्ता के निर्देशन में चल रही कार्यवाही अगले कुछ महीनों में पूरी कर ली जाएगी। इंदौर स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल की निगरानी ट्रैफिक पुलिस और स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से करवाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।
ध्वनि प्रदूषण बढऩे की आशंका
इंदौर के प्रोजेक्ट के माध्यम से स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और उनकी तेज आवाज पर संचालित होंगे। जानकारों की राय में यह तरीका ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देने वाला है। किसी भी चौक चौराहे पर वाहन चालक अपने वाहन का हॉर्न तब तक बजाता रहेगा जब तक सिग्नल ग्रीन नहीं हो जाएगा। इस प्रकार शहर की शांति भंग होने का खतरा भी बना हुआ है। हालांकि इंदौर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि नियंत्रित तरीके से ही सुविधा का इस्तेमाल करने की छूट दी जाएगी।
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