सिंगरौली: जिले के नंदगांव में अचानक से कई साल पुराना हैंडपंप दूषित पानी उगलने लगा, जिसे पीने के बाद 40 लोग उल्टी-दस्त से बीमार हो गए। सभी को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। जानकारी तब हुई, जब एक के बाद एक करके गांव के 40 लोग उल्टी-दस्त से बीमार हो गए। मौके पर गांव में एसडीएम के साथ स्वास्थ्य अमला पहुंचा है।
हैंडपंप का निरीक्षण करते हुए पानी का सैंपल लिया गया है। पानी दूषित कैसे हुआ, इसकी जांच कराई जा रही है। हैंडपंप का दूषित पानी पीने से नंदगांव निवासी सूर्यप्रकाश यादव, प्रियंका पनिका, रामप्रसाद बैगा, सीमा साकेत, राशि साकेत, माही यादव, अंश पनिका, नीकिता साकेत, रामदीन पनिका, दुर्गा यादव और सूर्यलाल साकेत सहित दो दर्जन लोग गांव में उल्टी-दस्त से पीड़ित हो गए। सभी लोगों की हालत गंभीर हो गई। आनन-फानन में सभी लोगों को जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। इसकी खबर जिला प्रशासन को हुई तो तत्काल मौके पर एसडीएम और सीएमएचओ को मौके पर भेजा। जहां अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि हैंडपंप का पानी से ही लोग बीमार हुए हैं।
अस्पताल में घंटों बाद शुरू हुआ उपचार..
गांव के एक साथ 40 लोग अस्पताल पहुंचे हैं। जहां पीड़ितों को समय पर उपचार मुहैया नहीं हो सका। बेड पर घंटों तक पीड़ित तड़पते रहे। सूर्यप्रकाश यादव ने बताया कि एक घंटे से बेड पर बॉटल रखा हुआ है, लेकिन ड्यूटी नर्सों ने अभी तक ड्रिप नहीं लगाया। इससे हालत बिगड़ती जा रही है। वहीं, ज्यादातर पीड़ितों को उनके परिजन जिला अस्पताल से निजी अस्पतालों में इसलिए ले गए कि यहां बेहतर उपचार मुहैया नहीं होगा।
15 साल पुराना है हैंडपंप…
जिला अस्पताल के वार्ड में भर्ती पीड़ितों ने बताया कि हैंडपंप का पानी पिछले 15 साल से ग्रामीणजन पी रहे हैं। कभी कोई बीमार नहीं हुआ। अचानक से पानी दूषित कैसे हो गया। पानी की जांच होने के बाद इसका पता चल पाएगा। बताया गया है कि नंदगांव के आसपास एनसीएल और ओबी कंपनियां संचालित हो रही हैं। इसलिए ग्रामीणों को डर सता रहा है।
जांच की जा रही है…
सर्वे के जरिए इस बात की पुष्टि हुई कि ग्रामीणों के बीमारी की वजह हैंडपंप का पानी ही है। अचानक से कई साल पुराने हैंडपंप का पानी दूषित कैसे हो गया, इसकी जांच चल रही है। फिलहाल, हैंडपंप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है।