पंचतत्व में विलीन मुलायम सिंह यादव, अखिलेश ने दी मुखाग्नि

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इटावा: सपा संरक्षक व संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए.नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े जन सैलाब के बीच उनके बड़े बेटे अखिलेश यादव ने नम आंखों से अपने पिता मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश ने सिर पर समाजवादी पार्टी (सपा) की लाल टोपी लगाई. अंतिम संस्कार के दौरान वहां मौजूद लोगों ने ‘नेताजी-अमर रहें’ और ‘मुलायम सिंह यादव-अमर रहें, अमर रहें’ के नारे लगाए.

अंतिम दर्शन के लिए मंच पर रखा गया नेताजी का पार्थिव शरीर
अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य एक रथ पर मुलायम का पार्थिव शरीर लेकर मंगलवार सुबह ‘कोठी’ से मेला ग्राउंड पहुंचे, जहां लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उसे एक विशाल मंच पर रखा गया. रथ मेला ग्राउंड में पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया. मंच पर अखिलेश के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के तमाम सदस्य नजर आए. परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेता जी को अंतिम विदाई दी. पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं.

चंदन की लकड़ी से हुआ अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार के रस्मो-रिवाज के दौरान जब अखलेश मुखाग्नि दे रहे थे, उस वक्त चिता के पास नेताजी का पूरा परिवार भाई अभय राम सिंह, राजपाल सिंह, शिवपाल सिंह, रामगोपाल यादव भतीजे धर्मेंद्र यादव, कार्तिकेय यादव, अंकुर यादव, अंशुल यादव, प्रतीक यादव पुत्र, तेज प्रताप सिंह आदि मौजूद थे. पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम के साथ व्‍हीलचेयर पर यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. दोपहर करीब दो बजे अखिलेश यादव और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने नेताजी की अर्थी को कांधा दिया. इसके बाद यादव के पार्थिव शरीर को विश्राम स्‍थल में चंदन की लकड़ी की चिता पर रखा गया और करीब चार बजे अखिलेश यादव ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के लिए चिता की चंदन की लकड़ी, इत्र, खुशबू, सामग्री आदि कन्नौज से लायी गयी थी.

ये दिग्गज नेता अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे
इस बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अपना दल (एस) की अध्‍यक्ष अनुप्रिया पटेल, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद समेत राज्य सरकार के कई मंत्री, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता प्रमोद तिवारी, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष शरद पवार व सुप्रिया सुले समेत अनेक नेता श्रद्धांजलि देने सैफई पहुंचे. महाराष्ट्र में मुंबई से सपा नेता अबू आजमी, अपना दल (कमेरावादी) की अध्‍यक्ष कृष्णा पटेल, किसान नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी बघेल व साध्वी निरंजन ज्योति समेत अनेक प्रमुख लोगों ने मुलायम के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उद्योगपति अनिल अंबानी भी मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लेने सैफई पहुंचे.

रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि, याद किए पुराने रिश्ते
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलायम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘उनकी प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकती. उनके निधन से बहुत बड़ी क्षति हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आदरणीय मुलायम सिंह यादव से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे. वह भारत की राजनीति की बहुत बड़ी शख़्सियत थे और उन्हें धरती से जुड़ा नेता माना जाता था.’’

अभिषेक बच्चन और बाबा रामदेव भी रहे मौजूद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी यादव को श्रद्धांजलि दी. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अखिलेश यादव को गले लगाकर उन्हें सांत्वना दी. मेला ग्राउंड में लोगों की बढ़ती भीड़ और नेताजी के अंतिम दर्शन करने की उनकी होड़ को देखते हुए शिवपाल यादव ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की. सिने अभिनेता अभिषेक बच्‍चन और उनकी मां जया बच्‍चन भी यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. योग गुरु बाबा रामदेव भी अपने शिष्य बालकृष्ण के साथ यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और नम आंखों से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

अर्थी के पास खड़े होकर रोते धर्मेंद्र यादव
बिहार के उप मुख्‍यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्‍ट्रीय लोकदल के अध्‍यक्ष व सांसद जयंत चौधरी, निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष व प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद, अपना दल (कमेरावादी) की अध्‍यक्ष कृष्णा पटेल, आम आदमी पार्टी उप्र के प्रभारी व सांसद संजय सिंह समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने वहां पहुंचकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता रीता बहुगुणा जोशी उन नेताओं में शामिल हैं, जो यादव को अंतिम विदाई देने के लिए यहां सैफई मेला ग्राउंड पंडाल में जल्दी पहुंचे. यादव की अर्थी के पास खड़े सपा नेता धर्मेंद्र यादव अपने आंसू नहीं रोक पाए. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू ने यादव के निधन को ‘उत्तर प्रदेश के लिए नुकसान’ करार दिया. जोशी ने कहा कि यादव ने कभी भी अपने राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं माना और उनका हर नेता के साथ एक निजी संबंध था.

सैफई के बाजार और स्कूल रहे बंद

इसके पहले सुबह साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे. शोक में इटावा जिले के स्कूल, बाजार, प्रतिष्ठान व्यापारियों और संचालकों ने स्वेच्छा से बंद कर रखें. अपने समर्थकों के बीच हमेशा ‘‘नेताजी’’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया.

गौरतलब है कि यादव 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए. वह तीन बार (वर्ष 1989-91,1993-95 और 2003-2007) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे. एक समय उन्हें प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा गया था. यादव के पुत्र और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी (2012-2017) तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

2 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुए थे भर्ती

गौरतलब है कि 80 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव का बीते सोमवार की सुबह निधन हो गया. कई दिनों से मुलायम सिंह यादव की तबीयत खराब चल रही थी. बीते 2 अक्टूबर को उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तभी से हालत अस्थिर चल रही थी. इस बीच तमाम दलों के राजनेता उनका हालचाल जानने अस्पताल भी पहुंचे थे. चारों ओर उनके स्वस्थ्य होने को लेकर दुआएं की जा रही थी. लोगों ने इसके लिए हवन और पूजन भी किए, लेकिन ऊपर वाले की मर्जी के मुताबिक नेता जी इस दुनिया से विदा ले लिए. सोमवार को नेता जी के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से गुरुग्राम से सैफई लाया गया था. इस दौरान रास्ते भर लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचते रहे. पार्थिव शरीर सैफई पहुंचने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी थी और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. आजम खान और अनुप्रिया पटेल ने भी सैफई पहुंचकर नेता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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