लखनऊ: उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. वह काफी लंबे समय से गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट थे. पिछले चार दिनों से उत्तर प्रदेश से तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव के स्वास्थ्य में खास सुधार नहीं हो रहा था. वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली. मुलायम सिंह की निधन की खबर से उनके समर्थकों में शोक व्याप्त है. अस्पताल में समर्थकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है.
मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे – श्री अखिलेश यादव
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 10, 2022
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इटावा के सैफई के रहने वाले थे. मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी व सुघर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ था. वह अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे थे. उनसे छोटे भाई-बहनों में अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी हैं. प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं.
उन्होंने पहलवानी से अपना करियर शुरू किया . राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह यादव कुछ समय तक इंटर कॉलेज में टीचर भी रह चुके थे. मुलायम सिंह यादव 1967 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए. इसके बाद से वह सभी चुनावों में विजयी रहे. 1977 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश की जनता पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री बने. चरण सिंह के करीबी रहे मुलायम 1980 में लोक दल के अध्यक्ष बने और 1982 में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बने. जनता दल की जीत के बाद वह पहली बार 1989 में यूपी के मुख्यमंत्री बने . 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया और 1993 में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के सीएम बने. 2003 में वह तीसरी बार यूपी के सीएम बने. 2004 में उन्होंने गन्नौर विधानसभा सीट पर रेकॉर्ड वोटों से जीत की थी.
अपने राजनीतिक जीवन में मुलायम सिंह यादव आठ बार विधायक और सात बार सांसद चुने गए. वह मैनपुरी से छह बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे. 1982 से 87 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. 1996 से 1998 तक मुलायम सिंह केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रहे. उन्होंने 1996 में पहली बार मैनपुरी लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. इसके बाद वह लगातार जीतते रहे. 2019 में उन्होंने आखिरी बार मैनपुरी से जीत हासिल की थी.