वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में आज फिर से सुनवाई हो सकती है.आज शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर फैसला आ सकता है. ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की चौड़ाई, लंबाई, गहराई और आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग या आधुनिक तरीके से जांच होगी या नहीं, इसी मामले पर शुक्रवार को जिला जज एके विश्वेश फैसला सुना सकते हैं.
काशी में लगाए गए थे पोस्टर: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही के दौरान वजूखाने में एक संरचना मिली थी. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बता रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है. हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में कार्बन डेटिंग की मांग पर भले ही ऑर्डर रिजर्व कर लिया गया है कि कार्बन डेटिंग होगी कि नहीं. मगर, अभी से शिवलिंग के वैज्ञानिक जांच की मांग पोस्टर के जरिए उठने लगी. वाराणसी के तमाम इलाकों में शिवलिंग की वैज्ञानिक तरीके से जांच की मांग के समर्थन में पोस्टर सड़क किनारे लगे देखे गए.
ये पोस्टर शहर के अंधरापुल, कचहरी, दुर्गाकुंड सहित तमाम जगहों पर सैकड़ों की संख्या में लगाए गये थे. पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी उस पर लिखे गए संगठन भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ली गई थी. इसके अलावा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ ही पोस्टर पर शृंगार गौरी के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन की तस्वीरें भी लगी हुई थीं.