जबलपुर। EOW का पीसी सिंह पर लगातार शिकंजा कसता ही जा रहा है. पीसी सिंह के काले कारनामे में साथ देने वाले सभी ईओडब्ल्यू की रडार पर हैं. मिशनरी की जमीन में हेराफेरी करने के मामले में मास्टर माइंड कहे जा रहे दमोह निवासी अजय लाल एवं राजकमल डेविड लाल पर EOW ने 420,120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है.
बिशप ने किया फर्जीवाड़ा: बिशप पीसी सिंह मामले की चल रही जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों से मिली जानकारी के आधार पर अपराध दर्ज किया है. गौरतलब है की द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस जबलपुर के बिशप प्रेम चंद सिंह, बीएस सोलंकी तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड संस्था के विरुद्ध धारा 406, 420, 668, 47, 120 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था. चैयरमेन पीसी सिंह पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन कर उसका चेयरमैन बना था. चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोयासटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में किया गया.
गबन की राशि से कई अचल संपत्तियां क्रय की: वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक शैक्षणिक संस्था की करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर करने के प्रमाण EOW को मिले थे. मामले की शुरुआती जांच के बाद ईओडब्लयू की टीम ने बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित घर और ऑफिस में छापामार कार्रवाई की थी. बिशप पीसी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने गबन की राशि से कई अचल संपत्तियां भी क्रय की हैं.