नई दिल्ली : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान प्रकरण से काफी क्षुब्ध हैं. सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपने विश्वस्तों को बड़ी जवाबदेही सौंपी है. इसके अनुसार अब राजस्थान में किसी नए व्यक्ति को सरकार की कमान सौंपी जा सकती है. साथ ही पार्टी अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा, ऐसा लगभग तय हो चुका है.
आपको बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत के करीब 90 समर्थक विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दे दी थी. उनकी मांग थी कि उनके गुट से किसी को सीएम बनाया जाए. सूत्रों ने बताया कि प्लान बी के तहत गहलोत की जगह किसी और को पार्टी अध्यक्ष और सीएम की कुर्सी किसी और नेता को दी जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए मुकुल वासनिक और सुशील कुमार शिंदे का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि किसी नए नाम पर भी विचार संभव है.
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का नाम सामने आया है. उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई है. वह एक ट्रॉब्लशूटर के तौर पर जाने जाते रहे हैं. उन्हें गहलोत कैंप को शांत करने के लिए सामने लाया गया है. 2020 में कमलनाथ ने सिंधिया कैंप के विरोध का सामना किया था. इसकी वजह से उनकी सरकार भी गिर गई थी. यूपीए के समय में भी उन्होंने कई मौकों पर पार्टी को किरकिरी से बचाया था. जी-23 नेताओं के विद्रोह की भी उन्होंने काट खोजी थी. जी23 के नेताओं ने पार्टी में आंतरिक चुनाव पर जोर देने को लेकर मांग रखी थी, तब कमलनाथ ने मोर्चा संभाल कर पार्टी को बचाया था.