मध्य प्रदेश में बाढ़ : बर्बादी की निशानियों के बीच गूंजती आवाज़-इतनी शक्ति हमें दो दयानिधे

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मंदसौर. मंदसौर (mandsaur)में बर्बादी की बारिश (heavy rainfall)के बाद अब धीरे-धीरे इलाके की तस्वीर सामने आ रही है. कुछ गांव ऐसे हैं जहां सब कुछ तबाह हो गया. उन्हीं में से एक है अरनिया निज़ामुद्दीन गांव जहां बाढ़ बर्बादी के निशान छोड़ गयी है. लेकिन जीवन कभी ख़त्म नहीं होता, इसलिए इस गांव के हौंसला पसंद बच्चे गा रहे हैं- इतनी शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जाएं.

बारिश सब बहा ले गयी-मंदसौर ज़िले के अरनिया निजामुद्दीन गांव में आई बर्बादी की बारिश अपने साथ सब कुछ बहा कर ले गई.घर उजड़ गए,रोज़मर्रा का खाने पीने का सामान बाढ़ में बह गया.सोमली नदी में उफान सब कुछ अपने साथ बहाकर ले गया. लेकिन गांव के बच्चों कीं आंखों में सपने अभी भी ज़िंदा हैं. अभी भी बच्चे भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे उन्हें इतनी शक्ति दें कि कर्तव्य मार्ग पर डट जाएं.
डूब गया था ये गांव-गांव की तस्वीरें झकझोर देने वाली हैं.लेकिन बच्चों का हौसला आज भी वही है.सोमली नदी में बाढ़ के कारण अरनिया निजामुद्दीन गांव पूरी तरह से डूब गया था. यहां तक कि अल्लाह ओर ईश्वर के घर भी सुरक्षित नहीं बचे. इन बच्चों और उनके माता-पिता ने किसी तरह अपनी जान बचाई.
बाढ़ बहा ले गयी कॉपी-किताब- अब धीरे-धीरे तिनका-तिनका करके ये अपनी गृहस्थी खड़ी कर रहे हैं.अभी भी लोगों के घर में खाना पीना और चाय नहीं बन रही है.स्वयंसेवी संगठन इन्हें खाना-पीना मुहैया करा रहे हैं. बच्चों का स्कूल भी पूरी तरह से पानी में डूब गया था. बच्चों के पढ़ने की किताबें बह गईं या खराब हो गईं.गांव में एमपीईबी के अधिकारी मौजूद हैं और विद्युत सप्लाई शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. स्वास्थ्य अमला भी मौजूद है कि यहां पर बाढ़ के बाद बीमारी न फैल जाए. सरकारी महकमा व्यवस्था सुधारने में लगा है, लोगों को शासन की ओर से 50 किलो अनाज मिला है.
मंदसौर जिले में चंबल शिवना सहित सारे नदी नाले उफान पर थे.दर्जनों गांव उनकी चपेट में आ गए. अब सबकी बस यही दुआ है कि बच्चों की प्रार्थना कबूल हो और यह गांव फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो जाए.

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