इंदौर : एलआईजी कॉलोनी चौराहा स्थित हाउसिंग बोर्ड के मकानों में एमओएस पर बनी 14 दुकानें नगर निगम के अमले की मदद से ध्वस्त कर दी गई। हाउसिंग बोर्ड ने 2020 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ये कार्रवाई की। इस बीच एक रहवासी महिला ने हाउसिंग बोर्ड की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। चीफ जस्टिस के आदेश पर विशेष पीठ गठित कर मामले की सुनवाई की गई। रात में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रिमूवल की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है।
ये है पूरा मामला।
दरअसल, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी कॉलोनियां हाउसिंग बोर्ड ने लगभग 40 वर्ष पहले विकसित की थी। कालांतर में लोगों ने ओपन स्पेस पर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कर व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया। एलआईजी चौराहे से गुरुद्वारे के पीछे तक ऐसे सौ से अधिक आवासीय मकान हाउसिंग बोर्ड ने चिन्हित किए थे, जिनमें ओपन स्पेस पर आगे, पीछे और साइड में अवैध निर्माण कर व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। हाउसिंग बोर्ड ने कई बार इन्हें नोटिस दिए लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई। चार साल पहले भी हाउसिंग बोर्ड ने इन्हें नोटिस दिया था, उसके खिलाफ कुछ मकान मालिक व दुक्कानदार कोर्ट चले गए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। वहां सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया। इसके चलते वर्ष 2020 में ही रिमूवल की कार्रवाई की जाना थी पर कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। अब पुनः नोटिस देने के बाद हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी निगम के रिमूवल अमले के साथ शनिवार को कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। भारी पुलिस बल भी इस दौरान तैनात रखा गया। दुकानदारों से दुकानें खाली करने का कहने पर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय पार्षद नंदू पहाड़िया और विधायक महेंद्र हार्डिया भी मौके पर पहुंचे। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अवगत कराते हुए कहा कि उसी के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। समझाइश के बाद दुकानदारों ने अपना सामान बाहर निकला और ताबड़तोड़ अवैध बनीं दुकानों के रिमूवल की कार्रवाई पोकलेन और जेसीबी की मदद से शुरू कर दी। करीब 14 दुकानें इस दौरान ध्वस्त की गई।
एक युवक ने की गला काटने की कोशिश।
रिमूवल के दौरान हंगामा मचा रहे दुकानदारों में से एक दुकान संचालक के बेटे ने कांच के टुकड़े से अपना गला काटने की कोशिश की। लोगों ने उसके हाथ से कांच का टुकड़ा छीनकर उसे अस्पताल पहुंचाया। इसीतरह एक मेडिकल स्टोर संचालक की पत्नी बुलडोजर के सामने खड़ी हो गई। बमुश्किल उसे हटाया जा सका।
हाईकोर्ट में रात को हुई सुनवाई।
9/1, एलआईजी कॉलोनी निवासी नैना भाटिया को भी हाउसिंग बोर्ड ने अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस दिया था। उनके यहां भी रिमूवल की कार्रवाई की जाना थी। इसके खिलाफ नैना भाटिया ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट बंद हो चुका था तो चीफ जस्टिस से न्याय की गुहार लगाई गई। सीजे के आदेश पर रात में विशेष पीठ में याचिका पर सुनवाई की गई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता नैना भाटिया के पक्ष में स्थगन आदेश पारित करते हुए रिमूवल की कार्रवाई पर रोक लगा दी।