इंदौर : एमआर 10 ग्रीन बेल्ट पर मिली कटी हुई लाश के मामले का खजराना पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है। मृतक की पहचान किन्नर के रूप में करने के साथ पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर लाश का शेष हिस्सा भी उसके घर से बरामद कर लिया। डीसीपी जोन 2 संपत उपाध्याय ने प्रेस वार्ता के जरिए यह जानकारी दी। सहायक पुलिस आयुक्त खजराना जयंत राठौर और अन्य अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित थे।
ये था पूरा मामला।
डीसीपी उपाध्याय के अनुसार पुलिस थाना खजराना को दिनांक 30/08/22 को सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्रीन बेल्ट एम . आर .10 पर एक सफेद युरिया की बोरी में कोई संदिग्ध वस्तु है, जिसपर खून के निशान हैं। मौके पर पुलिस टीम ने पहुंच कर देखा तो बोरे में अज्ञात व्यक्ति के शव का कमर के नीचे का हिस्सा था। पैर एक कपड़े से बंधे थे। उक्त सनसनीखेज एवं गंभीरतम घटना की पतारसी हेतु तत्काल एफएसएल एवं पुलिस की टीम ने तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण कर घटना के खुलासे के प्रयास शुरू कर दिए।
खजराना पुलिस व्दारा घटना स्थल के आसपास के 500 मीटर के दायरे में आने वाले सीसीटीव्ही फुटेज चेक किए गए, जिनमें पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली। पुलिस ने बीते दिनों में हुई गुम इंसानों के बारे मे जानकारी ली तो पता चला कि दो दिन पूर्व एक किन्नर जिसका नाम जोया है, वह अशरफी कॉलोनी में किसी से मिलने के लिए आई थी, उसके बाद वो वहां से वापस नहीं आई। इस पर पुलिस टीम व्दारा अशरफी कॉलोनी के फुटेज चेक किए गए तो जोया वहां आते हुए दिखाई दी किंतु कहा गई इसकी जानकारी नहीं मिली। पुलिस टीम व्दारा अशरफी कालोनी में रहने वाले कई लोगों से पूछताछ की गई किंतु कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।
परिजनों ने की पहचान, आरोपी तक पहुंची पुलिस।
डीसीपी उपाध्याय के मुताबिक पुलिस टीम व्दारा बरामद हुई कटी लाश को जोया के परिजनों से तस्दीक कराने पर जिस कपडे से पैर बंधा था वह जोया का ही होने की उन्होंने पुष्टि की। इसके बाद पुलिस टीम ने जोया के गुम होने के पश्चात वो जिन लोगों से मिली थी, उस हर व्यक्ति से पूछताछ की। जिस ऑटो चालक ने जोया को अशरफी कॉलोनी में छोडा था उसने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी। जिस पर पुलिस टीम को तकनीकि विश्लेषण के आधार पर संदेही नूर मोहम्मद के बारे में पता चला। उसकी तलाश में पुलिस टीमें रवाना की गई। खजराना की एक टीम ने संदेही नूर मोहम्मद को आलापुरा जूनी इंदौर से अपनी गिरफ्त में ले लिया।
आरोपी ने किन्नर जोया की हत्या करना कबूल किया।
पुलिस टीम व्दारा आरोपी नूर मोहम्मद को थाने पर लाकर की गई पूछताछ में आरोपी ने जोया की हत्या करना स्वीकार किया।
सोशल मीडिया के जरिए हुई थी पहचान।
आरोपी ने बताया कि उसकी जोया से पहचान इंटरनेट के जरिये हुई थी और इंटरनेट से ही जोया का नंबर मिला था जिस पर आरोपी ने जोया को फोन लगाकर बुलाया था। जब जोया आरोपी नूर मोहम्मद के घर आई और उसे यह पता चला कि वह लड़की नहीं किन्नर है तो आरोपी ने गुस्से में आकर जोया को टॉवेल से गला दबाकर मार दिया। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने बकरा काटने के बंका से शव के दो टुकड़े किए और नीचे का हिस्सा खाद की बोरी में बंद कर अपनी एक्टिवा से एमआर 10 रोड के पास झाड़ियों मे फेंक दिया। शव के उपरी हिस्से को उसने अपने घर में ही छुपाकर रखा था, और मौका मिलते ही उसको भी इसी प्रकार कहीं फेंकने वाला था।
पुलिस ने मृतक जोया के शव का ऊपरी हिस्सा, मोबाइल फोन एवं घटना में इस्तेमाल आला जरब ( बका ) भी आरोपी के घर से बरामद किया।
इस अंधे कत्ल का खुलासा करने में थाना प्रभारी खजराना दिनेश वर्मा , उनि रितेश यादव , उनि राम कुमार रघुवंशी सउनि प्रवेश सिंह , सउनि सुनील रैकवार , प्रआर . जिशान एहमद , विनोद यादव , लोकेन्द्र सिंह , रवि भार्गव , मेहमुद खाँन , आरक्षक शशांक चौधरी , देवेन्द्र यादव , रामकुमार मीणा , नितेश राय की सराहनीय भूमिका रही । इस पूरी टीम को पुरस्कृत करने की भी डीसीपी संपत उपाध्याय ने घोषणा की है।