।। ॐ ।।
🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
📜««« आज का पंचांग »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5124
विक्रम संवत्……………………2079
शक संवत्………………………1944
रवि…………………………दक्षिणायन
मास……………………………भाद्रपद
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी……………………………चतुर्थी
दोप 03.20 पर्यंत पश्चात पंचमी
सूर्योदय………….प्रातः 06.09.03 पर
सूर्यास्त…………संध्या 06.45.48 पर
सूर्य राशि…………………………सिंह
चन्द्र राशि……………………….कन्या
गुरु राशि…………………………मीन
नक्षत्र…………………………….चित्रा
रात्रि 12.04 पर्यंत पश्चात स्वाति
योग……………………………..शुक्ल
रात्रि 10.36 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण…………………………….विष्टि
दोप 03.20 पर्यंत पश्चात
ऋतु………………………………वर्षा
दिन…………………………..बुधवार
🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
31 अगस्त सन 2022 ईस्वी ।
⚜️ भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी :-
श्री भादव गणेश चतुर्थी :-
श्री शिवमहापुराण के अन्तर्गत रुद्रसंहिता के में यह वर्णन है कि माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपनी अंगराग (उबटन) से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपाल बना दिया। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका। अन्ततोगत्वा भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे भगवती शिवा क्रुद्ध हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षिनारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया। शिवजी के निर्देश पर विष्णुजीउत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने हर्षातिरेक से उस गजमुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया। ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने उस बालक को सर्वाध्यक्ष घोषित करके अग्रपूज्यहोने का वरदान दिया। भगवान शंकर ने बालक से कहा-गिरिजानन्दन! विघ्न नाश करने में तेरा नाम सर्वोपरि होगा। तू सबका पूज्य बनकर मेरे समस्त गणों का अध्यक्ष हो जा। गणेश्वर!तू भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा के उदित होने पर उत्पन्न हुआ है। इस तिथि में व्रत करने वाले के सभी विघ्नों का नाश हो जाएगा और उसे सब सिद्धियां प्राप्त होंगी। कृष्णपक्ष की चतुर्थी की रात्रि में चंद्रोदय के समय गणेश तुम्हारी पूजा करने के पश्चात् व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मण को मिष्ठान खिलाए। तदोपरांत स्वयं भी मीठा भोजन करे। वर्षपर्यन्तश्रीगणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रात्रि में चन्द्र-दर्शन (चन्द्रमा देखने को) निषिद्ध किया गया है। जो व्यक्ति इस रात्रि को चन्द्रमा को देखते हैं उन्हें झूठा-कलंक प्राप्त होता है। ऐसा शास्त्रों का निर्देश है। यह अनुभूत भी है। इस गणेश चतुर्थी को चन्द्र-दर्शन करने वाले व्यक्तियों को उक्त परिणाम अनुभूत हुए, इसमें संशय नहीं है। यदि जाने-अनजाने में चन्द्रमा दिख भी जाए तो निम्न मंत्र का पाठ अवश्य कर लेना चाहिए-
‘सिहः प्रसेनम् अवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्वमन्तकः॥’
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापना घर-घर में की जाएगी। 31 अगस्त 2022, बुधवार के दिन चतुर्थी तिथि दोप 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। चतुर्थी के दिन चित्रा नक्षत्र का रहना निश्चित रूप से शुभ है। भगवान गजानन मध्याह्न काल में प्रकट हुए थे। पवित्र मिट्टी से भगवान गजानन की पार्थिव प्रतिमा बनाकर ठीक दोपहर 12 बजे स्वस्तिक पर स्थापित कर पूजा करें। चौघड़िया के अनुसार स्थापना भी की जा सकती है, पार्थिव गणेश प्रतिमा पर दुर्वांकुर और 21 शमीपत्र चढ़ाना चाहिए। आज के दिन वाली चतुर्थी (शिवा) को स्नान, दान, जप और उपवास करने से सौ गुना फल होता है। स्त्रियां यदि आज के दिन गुड़, घी, नमक आदि से बने व्यञ्जन और मालपूए आदि से अपने सास-ससुर, या मां आदि परिजनों को तृप्त करें तो उनके सौभाग्य की वृद्धि होती है। भगवान गणेश हर कल्प और हर युग में अवतार ग्रहण करते हैं। सतयुग में गणेश जी की 10 भुजाएं थी। उनका नाम विनायक था। त्रेतायुग में इनका वर्ण शुक्ल, छह भुजाएं थीं और मयूरेश नाम था। द्वापरयुग के प्रथम चरण में अरुण वर्ण तथा चार भुजाओं से सुशोभित हुए। गजानन नाम है। इनका वाहन मूषक है। कलियुग के अन्तिम चरण में चार भुजाओं से युक्त होकर अवतार लेंगे। उस समय धूम्रकेतु नाम होगा।
गजानन जी का अवतार पर्यली (महाराष्ट्र) नामक क्षेत्र में हुआ। गजानन जी महर्षि पराशर के आश्रम में पले, बढ़े। 4 वर्ष की उम्र में गजानन जी ने सिन्दूर असुर का वध किया था। इससे प्रसन्न होकर देवताओं ने महाराष्ट्र के जालना जिले में वरेण्य पुत्र गणपति का भव्य मन्दिर का निर्माण किया था। भगवान गजानन की यह पूर्ण पीठ मानी जाती है।
👁🗨 राहुकाल :-
दोपहर 12.26 से 02.00 तक ।
🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-
सिंह
05:11:54 07:23:42
कन्या
07:23:42 09:34:22
तुला
09:34:22 11:49:00
वृश्चिक
11:49:00 14:05:10
धनु
14:05:10 16:10:48
मकर
16:10:48 17:57:55
कुम्भ
17:57:55 19:31:28
मीन
19:31:28 21:02:40
मेष
21:02:40 22:43:24
वृषभ
22:43:24 24:42:02
मिथुन
24:42:02 26:55:44
कर्क
26:55:44 29:11:54
🚦 दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………4
🔯 शुभ रंग……………………..हरा
💮 चौघडिया :-
प्रात: 07.45 से 09.18 तक अमृत
प्रात: 10.52 से 12.26 तक शुभ
दोप 03.33 से 05.06 तक चंचल
सायं 05.06 से 06.40 तक लाभ
रात्रि 08.07 से 09.33 तक शुभ ।
📿 आज का मंत्र :-
|| ॐ लम्बोदराय नम: ||
📯 संस्कृत सुभाषितानि :-
दुर्जनस्य विशिष्टत्वं परोपद्रवकारणम् ।
व्याघ्रस्य चोपवासेन पारणं पशुमारणम् ॥
अर्थात :-
दुर्जन कोई विशेष कार्य करे तो दूसरे के उपद्रव का कारण बनता है । शेर अगर उपवास करे तो उसके दूसरे दिन का खाना पशु की हत्या होती है ।
🍃 आरोग्यं :-
अजवाइन की पत्ती के फायदे –
5. हड्डियों के स्वास्थ्य में करे सुधार –
उम्र बढ़ने के साथ हमारी हड्डियां बहुत ही कमजोर हो जाती है। इसलिए, विटामिन और खनिज में समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन आपको करना चाहिए। आजवाइन की पत्तियां कैल्शियम, आयरन और मैंगनीज में समृद्ध है जो हड्डी के स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण खनिजों में से एक हैं। कैल्शियम हड्डी की संरचना का समर्थन करता है, जबकि विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के विकास में सुधार करने के लिए काम करता है। ऑस्टियोपोरोसिस या गठिया वाले लोग अपने कैल्शियम और विटामिन डी सेवन को बढ़ाकर बहुत लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा आजवाइन की पत्तियां नेचुरल पेन किलर के रूप में काम करता है।
⚜ आज का राशिफल :-
🐐 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
सुख के साधन प्राप्त होंगे। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक काम करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें।
👫🏻 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस लग सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
धार्मिक अनुष्ठान पूजा-पाठ इत्यादि का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। मानसिक शांति रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। समय अनुकूल है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। शारीरिक कष्ट संभव है।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कुसगंति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। किसी दूसरे व्यक्ति की बातों में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार अच्छा चलेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें।
🙎🏻♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश सोच-समझकर करें।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
सुख के साधनों की प्राप्ति पर व्यय होगा। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा। शत्रु पस्त होंगे।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी वरिष्ठ प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कष्ट व भय सताएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
शरीर में कमर व घुटने आदि के दर्द से परेशानी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा होगी। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। यश बढ़ेगा। दूर से शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
कुबुद्धि हावी रहेगी। चोट व रोग से बचें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। किसी न्यायपूर्ण बात का भी विरोध हो सकता है। विवाद न करें।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
।। 🐚 शुभम भवतु 🐚 ।।