भोपाल । मध्यप्रदेश में अगले दो दिन सिर्फ बौंछारे गिरेंगी। तेज या भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 26 अगस्त से नया सिस्टम बनेगा और पांच दिन तक फिर से प्रदेश तरबतर होगा। भोपाल-नर्मदापुरम में भी तेज बारिश होने के आसार हैं, बाकी जिलों में रिमझिम का दौर चलेगा। हालांकि यह सिस्टम 20 से 22 अगस्त तक बने सिस्टम की तरह नहीं होगा। वरिष्ठ वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया, बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन रहा है। 26 अगस्त से पूर्वी मध्यप्रदेश के हिस्सों में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। 27 से 31 अगस्त के बीच भोपाल-नर्मदापुरम में भी तेज बारिश होने की संभावना है। इंदौर-उज्जैन संभाग में रिमझिम बारिश होगी।
तीन दिन आफत वाली बारिश हुई
मानसून का स्ट्रांग सिस्टम बनने के बाद शनिवार रात से प्रदेशभर में बारिश का दौर शुरू हो गया था। खासकर भोपाल में बादल टूटकर बरसे। भोपाल के अलावा नर्मदापुरम, ग्वालियर, जबलपुर में भी भारी बारिश हुई। भोपाल में दो दिन में 14 इंच से अधिक पानी गिर गया। इस कारण बारिश ने आफत खड़ी कर दी। दो दिन तक कई इलाकों में बिजली गुल रही तो पानी की सप्लाई व्यवस्था भी प्रभावित रही। हालातों को देखते हुए स्कूलों की छुट्?टी घोषित कर दी गई।
नदियां उफान पर, डैम ओवरफ्लो हुए
प्रदेश में तीन दिन तक हुई भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर आ गई। नर्मदा, शिप्रा, बेतवा, शिवना, कालीसिंध, पार्वती आदि नदियां उफान पर रही। भोपाल में कलियासोत नदी ने हालात बेकाबू कर दिए। राजधानी की इंडस एम्पायर कॉलोनी में नदी का पानी घुसने के बाद 18 से ज्यादा परिवारों का रेस्क्यू करना पड़ा। आसपास के इलाकों में भी बोट चलाने की नौबत बन गई। वहीं, दामखेड़ा और सर्मधा टोला गांव टापू बन गए। इसके अलावा कलियासोत, कोलार, केरवा और भदभदा डैम भी ओवरफ्लो हो गए। इसके अलावा नर्मदा नदी पर बने डैम भी ओवरफ्लो हो चुके हैं। बरगी, तवा, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम के गेट भी खुल गए।
इंदौर में सीजन के 66 में से 50 दिन पानी गिरा
19 जून को मानसून घोषित हुआ था। 23 अगस्त तक की स्थिति में कुल बारिश 35.6 इंच हो चुकी है। इतनी बारिश की वजह यह है कि अब तक के सीजन के 66 में से 50 दिन पानी गिरा है। जुलाई के 31 में से 27 दिन और अगस्त में 23 में से 20 दिन पानी बरसा। बाकी 3 दिन जून में बारिश हुई थी। इनमें कई दिन ऐसे भी रहे जब बारिश तो हुई, लेकिन आंकड़ा रिकार्ड नहीं हो पाया। अगस्त के बचे 8 दिन भी मिले-जुले रहेंगे। पूरे शहर में सक्रिय बारिश के आसार नहीं हैं। कहीं-कहीं 2 से 5 मिनट उमस और लोकल सिस्टम की वजह से पानी गिर सकता है।
16 साल बाद भोपाल ने ऐसी बारिश देखी
16 साल बाद भोपाल में अगस्त में 1 दिन की सबसे ज्यादा बारिश हुई। यहां 36 घंटे में ही 14.18 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। इसे मिलाकर राजधानी में अब तक 66.50 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह सीजन के कोटे की 42 इंच बारिश से 23 इंच ज्यादा है। इसने अगले मानसून सीजन की भी आधी जरूरत पूरी कर दी है। 16 साल पहले 2006 में 14 अगस्त को 24 घंटे में 11.66 इंच बारिश हुई थी।