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शहडोल। शहडोल के ब्यौहारी थाने के अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात मृत व्यक्ति की बॉडी मिलती है. रेलवे में गैंगमैन ज्ञानेंद्र पांडेय की तरह दिखने के कारण, बॉडी की शिनाख्त ज्ञानेंद्र पांडेय के तौर पर हो जाती है और उन्हें मरा मान लिया जाता है. पोस्टमार्टम कराकर उस व्यक्ति की घर बॉडी भेजने की तैयारी हो जाती है. अपने को खोने की वजह से परिवार में मातम तो छा जाता है, लेकिन जब वो व्यक्ति जिंदा अपने क्वार्टर पर मिलता है तो सभी के होश उड़ जाते हैं.
ये है पूरा मामला: दरअसल, शहडोल जिले के ब्यौहारी जबलपुर रेल खंड के बीच ब्यौहारी छैतहनी रेलवे ट्रैक के बीच एक अज्ञात शव मिलने से हड़कंप मच गया. मामले की जानकारी रेलवे अधिकारी, रेलवे कर्मचारी, रेलवे पुलिस और स्थानीय पुलिस को दी गई. जानकारी लगने पर रेलवे के स्थानीय अधिकारी-कर्मचारियों से शव की पहचान कराई गई तो गैंगमैंन ज्ञानेंद्र का नाम आया. ज्ञानेंद्र पांडेय ब्यौहारी में ही गैंगमैंन के पद पर पदस्थ हैं. इसके बाद ज्ञानेंद्र के परिजनों को पुलिस लाइन शहडोल में घटना की सूचना दी गई. दूसरे दिन जब ज्ञानेंद्र के बड़े भाई देवेंद्र पांडये अपने परिजनों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, तो शव क्षत-विक्षत था और कपड़े मिलते-जुलते होने के कारण उन्होंने मान लिया, उनके भाई का ही शव है. रेलवे के कर्मचारी इसकी पुष्टि कर चुके थे, इसलिए उन्होंने अधिक खोजबीन नहीं की. ब्यौहारी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को ब्यौहारी सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
रेलवे क्वार्टर में जिंदा मिले ज्ञानेंद्र पांडे: पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया. परिजनों ने ज्ञानेंद्र पांडे का ही शव समझकर दाह संस्कार के लिए अपने निजी निवास शहडोल के लिए रवाना होने के पहले ज्ञानेंद्र पांडे के ब्यौहारी स्थित रेलवे क्वार्टर गये. यहां जो नजारा सभी ने देखा तो चकित रह गये और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दरअसल, जिस ज्ञानेंद्र पांडे को परिजन और लोग मृतक मान रहे थे वो तो जिंदा थे और बाहर कमरे से भी निकलकर आ गये.
वहीं, जो शव मिला उसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. ज्ञानेद्र पांडेय ने कहा कि- ” उनके साथियों ने पहचानने में गलती की और पुलिस ने सही तरीके से खोजबीन नहीं किया, जिसके यह स्थिति बनी है. मेरे या मेरे परिवार के लिए यह बहुत दु:खद था.”