नई दिल्लीः दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दिल्ली स्थित आवास पर सीबीआई की साढ़े 9 घंटे से छापेमारी जारी है. उनके आवास के साथ-साथ शुक्रवार सुबह से ही गोवा, दमन दीव, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित 7 राज्यों के 20 अन्य जगहों पर कई ब्यूरोक्रेट व कारोबारियों के यहां भी सीबीआई के छापे चल रहे हैं. खबर है कि टीम ने सिसोदिया के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज किए गए हैं. कुछ हार्ड डिस्क को भी खंगाला है.
उन्होंने ट्वीट किया- हम सीबीआई का स्वागत करते हैं. जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला. इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता. उन्होंने कहा- ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें. हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं. कोर्ट में सच सामने आ जाएगा.
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले पर ट्वीट किया- जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार NYT के फ्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी. CBI का स्वागत है. पूरा सहयोग करेंगे. पहले भी कई जांच/रेड हुईं. कुछ नहीं निकला. अब भी कुछ नहीं निकलेगा.
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल से डरी हुई है, इसलिए आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे केस करके डराना चाहती है. मनीष सिसोदिया ईमानदार नेता हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि तानाशाही और बदले की राजनीति की उम्र लम्बी नहीं होती. मनीष जी देश के सबसे अच्छे शिक्षा मंत्री है, जिन्होंने अपने बेहतरीन काम से विदेशों में देश का नाम रोशन किया है, इसलिए भाजपा वाले CBI का इस्तेमाल करके उन्हें फंसाना चाहती है, मगर हम डरने वाले नहीं हैं. वो पूरी तरह बेदाग होकर निकलेंगे.
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया- सिसोदिया पर सीबीआई का छापा. सीबीआई, ईडी- सरकार के ये हथियार हैं. यह अब केजरीवाल की तरफ बढ़ रहे हैं. पहले सत्येंद्र जैन को निशाना बनाया गया और अब सिसोदिया को.
बता दें, दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
- मनीष सिसोदिया
- अर्व गोपी कृष्ण, आयुक्त (आबकारी)
- आनंद तिवारी, उपायुक्त (आबकारी)
- पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त (आबकारी)
- विजय नईर, पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर
- मनोज राय, पूर्व कर्मचारी
- अमनदीप ढल, निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड
- समीर महेंद्रू, प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप
- अमित अरोड़ा, निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
- बुद्धि रिटेल प्रा. लि.
- दिनेश अरोड़ा
- महादेव लिकर
- सनी मारवाह
- अरुण रामचंद्र पिल्लई
- अर्जुन पांडेय
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों और दुकानदारों को दे दिया गया. सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में टकराव
नई एक्साइज पॉलिसी बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई है. रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है. विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों को बताया गया है. इसमें एयरपोर्ट पर शराब की दुकान खोलने के लिए जरूरी एयरपोर्ट ऑपरेटर से एनओसी लाने में कामयाब ना होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किए जाना बताया गया है. इसे नियमों के खिलाफ बताया गया है.