सागर। जनपद अध्यक्ष का चुनाव जीतने के लिए दावेदारों ने क्या-क्या चालें चली है, इसका खुलासा चुनाव होने के बाद हो रहा है. सागर जिले की राहतगढ़ जनपद पंचायत के लिए हुए चुनाव में आदिवासी महिला सदस्य ने मतदान के पहले अगवा करने और मतदान से वंचित करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. आदिवासी महिला जनपद सदस्य का कहना है कि दो लोग उसके घर आए और अध्यक्ष बनवाने की बात कहकर अपने साथ ले गए. 4 दिनों तक उसे सागर, उज्जैन और ओमकारेश्वर में घुमाते रहे और मतदान हो जाने के बाद जंगल में छोड़ दिया. वह ना तो मतदान कर पाई और ना ही अध्यक्ष बन सकी. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या है मामला: एएसपी बीना ज्योति ठाकुर ने बताया कि पीपलखेड़ी निवासी संजना आदिवासी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में राहतगढ़ के वार्ड क्रमांक 12 से जनपद सदस्य के पद पर निर्वाचित हुई हैं. महिला ने बताया कि यह पद आदिवासी महिला वर्ग के लिए आरक्षित था. चुनाव के पहले अजबसिंह यादव और कृष्णवीर यादव मेरे घर आए और कहने लगे कि हमारे साथ चलो, हम आपको अध्यक्ष बनवाएंगे. मैं उनकी बातों में आ गई और उनके साथ चली गई. लेकिन ये लोग मुझे सागर ले आए. वहां से औंकारेश्वर, उज्जैन में चार दिन तक घुमाते रहे. 28 जुलाई को वोटिंग के दिन भी मुझे मतदान करने नहीं जाने दिया और जैसे ही मतदान हो जाने की खबर मिली, तो मुझे और मेरे पति को बीच रास्ते में उतार दिया. मैं करीब 30 किमी पैदल चलकर अपने घर पहुंची.
आरोपियों के चंगुल से छूटकर पहुंची थाने: करीब चार दिन तक अपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहने के बाद महिला राहतगढ़ पुलिस थाने पहुंची. जहां उसने आरोपियों के विरुद्ध अपने बयान दर्ज कराए. देर रात्रि राहतगढ़ थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की. गौरतलब है कि राहतगढ़ जनपद क्षेत्र में आदिवासी महिला के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित था. इस जनपद क्षेत्र में केवल दो आदिवासी वर्ग की महिला सदस्य जीतकर आई थीं. जिसके बाद इस महिला का अपहरण कर उसे वोट डालने से वंचित किया गया.