भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी सत्ता और संगठन पूरी तरह से पंचायतों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की ताजपोशी चाहते हैं, हालांकि दोनों पार्टियों के लिए इस वक्त करो या मरो की स्थिति है. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने कह दिया है कि जिसे अध्यक्ष बनना है, उसको ही सदस्यों को अपने खेमे में लाना होगा और सारा गुणा भाग खुद ही करना होगा. अब इसे लेकर पंचायत स्तर पर खींचतान दिख रही है, इसके अलावा कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा धनबल और बाहुबल का प्रयोग करती आई है और वही कर रही है.
भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को करोड़ों में खरीदा: कमलनाथ सरकार में पूर्व मंत्री रहे पी सी शर्मा का कहना है कि “बीजेपी ने लोकतंत्र पूरी तरह खत्म कर दिया है, हमने पहले भी देखा की बीजेपी ने हमारे विधायकों को करोड़ों में खरीदा है. अब एक बार फिर जनपद और जिला पंचायतों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिये बीजेपी के बाहुबल और धनबल का प्रलोभन देकर हमारे सदस्यों को खरीदना चाहते हैं, लेकिन हमारे जीते हुए सदस्य पूरी तरह से पार्टी के साथ खड़े हुए हैं.”
कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद: नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि, “कांग्रेस के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं, जब जनता ने पंचायतों मैं 85% बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों को चुना है ऐसे में जो अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होंगे वह बीजेपी समर्थित होंगे. कांग्रेस झूठ का पुलिंदा है, उस की करारी हार हुई है, इसी वजह से वह हम पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.”
नेताओं की साख दांव पर: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक और प्रह्लाद पटेल की साख बुंदेलखंड से दांव पर लगी है, ऐसे में यहां पर भारी खींचतान देखने को मिल रही है. वहीं मालवा, निमाड़, महाकौशल और भोपाल में भी कशमकश जारी है. बीजेपी ने अपने विधायकों के साथ-साथ मंत्रियों को भी अपने ही क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि “जब तक अध्यक्ष बनने लायक फंड ना जुटे तब तक आप अपने क्षेत्र में ही रहें.”
बदले जा रहे नेताओं के स्थान: इसी के साथ कांग्रेस भी अपने पर्यवेक्षकों और प्रभारियों को जिलों में पहुंचाकर सदस्यों पर नजर रख रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी के कई सदस्य भूमिगत हो गए हैं, जिन्हें किसी धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल पर भेज दिया गया है. इतना ही नहीं हर 2 दिन में इनके स्थान बदले जा रहे हैं. विंध्य, बुंदेलखंड और भोपाल में जिला सदस्यों की बोली लगाए जाने की अटकलों ने भी बाजार गर्म कर दिया है, आदिवासी बहुल इलाकों में कांग्रेस के कई सदस्यों के भूमिगत होने की खबरें भी सामने आ रही है. वहीं ग्वालियर चंबल में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह मोर्चा संभाले हुए हैं.
भोपाल में कांग्रेस भारी: राजधानी भोपाल की 222 पंचायतों का जिला अध्यक्ष कांग्रेस का होगा या बीजेपी का इसे लेकर खींचतान जारी है, 10 में से आठ सदस्य भूमिगत हो गए हैं, हालांकि कांग्रेस का दावा है कि 10 में 7 सदस्य उस के खेमे में हैं. कांग्रेस का कहना है कि भोपाल में इस बार बीजेपी के 2 सदस्य ही जीत सकते हैं, लेकिन बावजूद इसके भाजपा ने कह दिया है कि जो भी सदस्यों को अपने खेमे में ला सकेगा, उसे अध्यक्ष बना दिया जाएगा.