दमोह। केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि भारत में कोयला एक निश्चित समय के लिए है. बांध से बिजली बनाई जा रही है. लेकिन आज हमारे सामने नए बांध बनाने की भी चुनौती है. ऐसे में विकल्प क्या बचता हैं. केवल सौर ऊर्जा. सौर ऊर्जा के लिए 30 परसेंट केंद्र सरकार सब्सिडी देती है, 30 परसेंट राज्य सरकार सब्सिडी देती है. बाकी 30 परसेंट बैंक से फाइनेंस हो जाता है. उन्होंने कहा कि पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, सोलर ऊर्जा का ही भविष्य है.
प्रहलाद पटेल ने संस्मरण सुनाया : मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि भारत में कोयला एक निश्चित समय के लिए है. पानी की जो परिस्थितियां हैं, उसमें बांध में बिजली बना पाएंगे. यदि बांध में सिल्ट जमेगी या बारिश कम होगी तो भी विद्युत उत्पादन में फर्क पड़ेगा. इसकी जो चुनौतियां हैं, वह तो आपके हाथ में नहीं हैं. पटेल ने अपना एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कॉलेज से निकलने के बाद जब वह विरोध की राजनीति करते थे, तब एक गांव में पहुंचे तो पता चला कि वहां का ट्रांसफार्मर जल गया है. ग्रामीणों ने बताया कि 15 किसान ऐसे थे, जिन्होंने बिना कनेक्शन लिए उसमें सीधी लाइन फंसाकर कनेक्शन ले लिया. इससे ओवरलोड होने पर ट्रांसफार्मर जल गया है. तब मैंने कहा कि आपकी यह फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी. इसके बाद ग्रामीणों ने पूरा पैसा बिजली विभाग के पास जमा कराया. बिजली विभाग के अधिकारियों ने मुझसे कहा कि साहब आपकी अनुमति हो तो हम नया ट्रांसफार्मर रख दें. क्योंकि ग्रामीणों ने पूरा बिल जमा कर दिया है. यह जवाबदारी की बात है. प्रहलाद पटेल ने कहा कि आप विरोध करके भी अच्छा काम कर सकते हैं, बशर्ते आप सिद्धांत पर आधारित राजनीति करें.