रात को सोने से पहले पढ़ लें ये मंत्र, हर समस्या से मिलेगा छुटकारा

धर्म-कर्म-आस्था

हिन्दू धर्म में मंत्रों शक्ति की शक्तियों का जिक्र कई स्थानों पर किया गया है। यही वजह है कि अक्सर धार्मिक गुरुओं की ओर से मंत्रों के सही उच्चारण के साथ जप पर जोर दिया जाता है।

मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि इससे अनिष्टकारी मुश्किलों को बड़ी ही सरलता से दूर किया जा सकता है। लोगों के जीवन में कई प्रकार के भय होते हैं जिनमें शत्रु भय, धन भय जैसे कई डर सम्मिलित होते हैं। इसीलिए एक ऐसा मंत्र है जिसे लेकर बोला जाता है कि यदि आप रात को सोते वक़्त इसका जाप करते हैं तो कोई भी दुश्मन कभी आप पर विजय नहीं हासिल कर सकता। मतलब आप अपने हर दुश्मन को परास्त करेंगे।

इस मंत्र से संबंधित एक कहानी है। दरअसल जब प्रभु श्री विष्णु शेषनाग शैया पर विश्राम करते हुए निद्रा की स्थिति में थे तब उनके कानों के मैल से मधु-कैटभ नाम के दो दैत्यों का जन्म हुआ। समय के साथ ये दोनों दैत्य बहुत कुख्यात हुए तथा अक्सर ऋषि मुनियों को परेशान किया करते थे। एक बार ये दोनों दैत्य ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। दैत्यों ने बह्मा जी से बोला कि आप या तो हमसे युद्ध करें या पद्मासन छोड़ दीजिए। ब्रह्मा जी ने देखा कि उनके जैसा तपस्वी इन दैत्यों से युद्ध करने में अक्षम है तो प्रभु श्री विष्णु के पास पहुंचे। तत्पश्चात, प्रभु श्री विष्णु ने क्या किया? आचार्य हिमांशु उपमन्यु बताते हैं-ब्रह्मा जी ने देखा कि प्रभु श्री विष्णु सो रहे हैं। ब्रह्मा जी प्रभु श्री विष्णु को जगाने की बहुत कोशिश करते हैं मगर उनकी नींद नहीं टूटी। ब्रह्मा जी ने देखा कि प्रभु श्री विष्णु केवल निद्रा नहीं बल्कि योगनिद्रा के वशीभूत हैं।

इस मंत्र का किया जाप:-
हिमांशु उपमन्यु कहते हैं- योगनिद्रा भी देवी हैं। विष्णु को योगनिद्रा में देखकर ब्रह्मा जी ने योगनिद्रा देवी का स्मरण किया। ब्रह्मा जी ने जिस मंत्र का पाठ किया वो है- निद्रां भगवतीं विष्णोरतूलां तेजसः प्रभुः।।
जब योगनिद्रा की ब्रह्मा जी अनेक तरह से स्तुति करते हैं तो देवी के प्रभाव से प्रभु श्री विष्णु की नींद टूटती है। इसके बाद प्रभु विष्णु ने कई सालों तक युद्ध कर मधु-कैटभ दैत्यों का संहार किया।

मंत्र के जाप से मिलती है समृद्धि:-
योगनिद्रा के इस मंत्र की स्तुति करने से दुश्मन पर विजय के साथ धन-धान्य भी प्राप्त होता है। क्योंकि जगत के पालनकर्ता प्रभु श्री विष्णु हैं तथा वो भी योगनिद्रा के वशीभूत हैं। हम जब भी किसी कार्य के लिए योगनिद्रा से प्रार्थना करते हैं तो प्रभु श्री विष्णु भी कृपा करते हैं। इस मंत्र को पढ़ने से रात को नींद भी अच्छी आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *