नई दिल्ली : जीएसटी को लेकर सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. वे पैकेट बंद आइटम पर जीएसटी लगाने से खुश नहीं हैं. यहां तक कि बैंक चेक पर भी जीएसटी लगा दिया गया है. वह भी 18 फीसदी की दर से. आम तौर पर पहले लोग बैंक में जाकर पैसे निकालते थे, तो एक निश्चित राशि तक मुफ्त में पैसा निकाला जाता था. लेकिन अब नियम बदल गए हैं. अब बैंक चेक के जरिए पैसा निकालने पर जोर देते हैं. ऊपर से अब जिस तरह का निर्णय लिया गया है, कि बैंक चेक पर 18 फीसदी का जीएसटी लगेगा. मध्यम वर्ग से लोग सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
दरअसल, सिर्फ बैंक चेक ही नहीं, होटल और अस्पताल के कमरे भी महंगे हो गए हैं. सरकार ने इस पर भी जीएसटी लगा दिया है. होटल के वो कमरे जिनका किराया एक हजार रुपया तक है, उस पर जीएसटी लगेगा. यह तो सर्वविदित है कि इन होटलों का प्रयोग सबसे अधिक निम्म मध्यम और मध्यम वर्ग के लोग करते हैं. अब उन्हें पहले के मुकाबले अधिक किराया देना होगा. इसी तरह से अस्पताल के वे कमरे जिनका किराया पांच हजार रुपया से अधिक है, उन पर जीएसटी लगा दिया गया है.
आम लोग खाद्य पदार्थों में जिस तरह के पैकेट का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें दही, लस्सी और पनीर भी शामिल हैं. उन्हें भी जीएसटी के दायरे में लाया गया है.
इसके अलावा दही, लस्सी और मुरमुरे जैसी अन्य वस्तुएं यदि पहले से पैक और लेबल वाली होंगी, तो इनपर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. पांच प्रतिशत जीएसटी पहले से पैक उन्हीं वस्तुओं पर लगेगा जिनका वजन 25 किलोग्राम या इससे कम है. हालांकि, खुदरा व्यापारी 25 किलो पैक में सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इसपर जीएसटी नहीं लगेगा.
इसमें कहा गया, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि अनाज, दालें और आटे के एक-एक पैकेट जिनका वजन 25 किलोग्राम/लीटर से अधिक है वे पहले से पैक एवं लेबल वाली वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आएंगे, अत: इनपर जीएसटी नहीं लगेगा.’ इसमें उदाहरण देते हुए कहा है कि खुदरा बिक्री के लिए पैकेटबंद आटे के 25 किलोग्राम के पैकेट की आूपर्ति पर जीएसटी लगेगा. हालांकि, इस तरह का 30 किलो का पैकेट जीएसटी के दायरे से बाहर होगा.
इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है.
रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. पहले यह 12 प्रतिशत थी. ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है. बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब इकनॉमी श्रेणी तक सीमित होगी.आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा. बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दशकों से कर कानूनों के तहत कर-निरपेक्ष दर्जा प्राप्त है.
दिग्विजय सिंह का कटाक्ष, ‘अब तो केवल हवा पर जीएसटी नहीं लग रहा है’ – कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने आवश्यक वस्तुओं पर कर लगाने के सरकार के फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि ‘देश में अब केवल हवा पर जीएसटी नहीं वसूला जा रहा है.’ राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘रोजी-रोटी से लेकर मकान मालिक और किरायेदार तक पर जीएसटी लगा दिया गया है. अब तो केवल हवा पर जीएसटी नहीं लग रहा है.’