क्या मंत्री मीना सिंह के क्षेत्र में भी बीजेपी को अध्यक्ष बनाने लेना होगा निर्दलियों का सहारा ?

उमरिया मध्यप्रदेश

उमरिया। नगर निकाय चुनाव में पहले चरण के मतगणना में जहां उमरिया नगर पालिका में कांग्रेस ने बाजी मारी और बीजेपी को पीछे रहना पड़ा, तो वहीं दूसरे चरण की काउंटिंग बुधवार को संपन्न हो गई है. यहां उमरिया जिले के मानपुर नगर परिषद का रिजल्ट आ गया है. यह इलाका प्रदेश की मंत्री मीना सिंह का है, और मंत्री के क्षेत्र में भी बीजेपी का वैसा प्रदर्शन नहीं रहा जितनी मेहनत मीना सिंह ने इस बार के चुनाव में अपने क्षेत्र में की थी. आलम यह है की अध्यक्ष बनाने के लिए अभी भी बीजेपी को निर्दलीयों का सहारा लेना होगा.

मानपुर नगर परिषद का रिजल्ट साफ: मानपुर में नगर परिषद बनने के बाद पहली बार चुनाव हुआ है. मानपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मीना सिंह है, जो भाजपा सरकार में मंत्री भी हैं. इस क्षेत्र में हुए चुनाव में मंत्री मीना सिंह ने अपनी पूरी ताकत लगाई थी, और जमकर चुनाव प्रचार किया था, लेकिन इसके बावजूद यहां भाजपा का दबदबा नहीं रहा. मानपुर में 15 वार्ड थे, जिसमें से बीजेपी के 6 प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे, कांग्रेस के 5 प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे, तो वहीं चार निर्दलीयों ने भी बाजी मारी है.

बीजेपी को लेना होगा क्या निर्दलीयों का सहारा? इस बार नगर निकाय में अध्यक्ष बनाने के लिए पार्षद अपना अध्यक्ष चुनेंगे. ऐसे में मानपुर में बीजेपी और कांग्रेस की जिस तरह से सीटें आई हैं, और निर्दलीयों ने जिस तरह से अपना दम दिखाया है. उसके बाद सवाल यही खड़ा होता है कि मंत्री मीना सिंह के क्षेत्र में भी इतने प्रचार-प्रसार के बाद भी क्या बीजेपी को नगर सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ेगा?

क्षेत्र में मीना सिंह ने जमकर किया था चुनाव प्रचार: नगर परिषद बनने के बाद मानपुर में पहली बार हो रहे निकाय चुनाव में मंत्री मीना सिंह ने जमकर चुनाव प्रचार किया था, और अपना पूरा जोर लगाया था. जिस तरह से चुनाव प्रचार उन्होंने किया था उसके बाद यही लग रहा था कि बीजेपी वहां बाजी मारेगी. बीजेपी वहां बंपर सीट लेकर आएगी, लेकिन यहां तो कांग्रेस से महज एक सीट ही ज्यादा BJP जीत पाई है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में निर्दलीयों ने भी दमदार प्रदर्शन किया और 4 सीट पर निर्दलीय जीतने में कामयाब हुए. साफ नजर आ रहा है कि यहां भी बीजेपी के गढ़ में उनका ग्राफ गिर रहा है, जो आगामी चुनावों में बीजेपी के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं है.

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