मुंबई: महाराष्ट्र की नई शिंदे सरकार के लिए आज दिन अहम है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के खिलाफ दायर याचिका पर आज फैसला सुनाएगा. यह याचिका उद्धव ठाकरे की तरफ से दायर की गई है. याचिका में 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.
इसके अलावा शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से दायर उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है. स्पीकर के निर्वाचन और विश्वासमत की प्रक्रिया को भी गलत बताया गया है. अगर सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के खिलाफ फैसला दिया तो राज्य में एक बार फिर सियासी पेंच फंस सकता है. शिंदे बतौर सीएम, और देवेंद्र फडणवीस बतौर डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं लेकिन अब तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका है. माना जा रहा है फैसले की वजह से कैबिनेट के विस्तार देरी हो रही है.
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने राज्य के कुल 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनमें से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे के और 14 विधायक उद्धव ठाकरे गुट के हैं. ठाकरे खेमे के 14 विधायकों में से एक संतोष बांगर चार जुलाई को सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे खेमे में शामिल हो गए थे. दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की.