वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी घूमने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी बनारस आए थे. वह यहां की दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए थे. शुक्रवार को शिंजो आबे के निधन होने पर मां गंगा और बाबा विश्वनाथ से उनकी आत्मा की शांति के लिए विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में अर्चकों और काशी वासियों ने प्रार्थना की. मौन रखकर मां भगवती से अपने चरणों में स्थान देने के लिए काशीवासियों ने प्रार्थना की. ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी देश के पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी जा रही है.
इसी घाट पर शिंजो आबे ने देखा था गंगा आरती
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे 12 दिसंबर 2015 को वाराणसी आए थे. उन्होंने इसी दशाश्वमेध घाट पर बैठकर विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती देखी थी और पूजन अर्चन कर इसमें शामिल हुए थे. काशी वासियों ने हर्ष और उल्लास के साथ शिंजो आबे का स्वागत किया था. दशाश्वमेध घाट पर शिंजो आबे को श्रद्धांजलि देते हुए दीपक से नमन लिखा गया और उनकी तस्वीर हाथों में लेकर नम आंखों से काशी वासियों ने श्रद्धांजलि दी.
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री को समर्पित रही आज की गंगा आरती
शुशांत मिश्रा ने बताया देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए थे. उन्होंने मां गंगा की आरती देख उसकी तारीफ की थी. उनकी आकस्मिक निधन हो जाने पर सभी काशी वासियों और मां गंगा की आरती करने वाले अर्चकों ने मां गंगा में दीपदान किया. इसके साथ ही मां गंगा से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की. इसके साथ-साथ देश के कोने-कोने से आए सभी श्रद्धालुओं ने 2 मिनट का मौन रखकर मां भगवती से प्रार्थना की. गंगा आरती जापान के पूर्व प्रधानमंत्री को समर्पित रही.