नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा, पंजाब के संगरूर लोकसभा की सीट और त्रिपुरा में विधानसभा की चार सीटों पर गुरुवार को उपचुनाव होंगे. ये उपचुनाव समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के लिए विशेष महत्व रखता है. यूपी में दिखेगा कि अखिलेश यादव की लोकप्रियता बरकरार है या फिर भाजपा सपा को सरप्राइज देती है. इसी तरह से पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान किस हद तक जनता को लुभाते हैं, इसकी भी परीक्षा होनी है. त्रिपुरा में भाजपा ने अपना नेतृत्व बदला था. अब देखना होगा कि वहां के नए मुख्यमंत्री किस हद तक पार्टी हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं.
यूपी में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिये पड़ेंगे वोट – उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान होगा. मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चलेगा. ये दोनों सीटें प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों क्रमशः अखिलेश यादव और आजम खान के विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के कारण लोकसभा से इस्तीफा देने की वजह से रिक्त हुई हैं. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 23 जून को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा.
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र सपा के मजबूत गढ़ माने जाते हैं. आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव से पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव सांसद थे. इसलिये इस सीट का उपचुनाव सपा के लिये प्रतिष्ठा का सवाल है. दूसरी ओर, रामपुर लम्बे समय से आजम खां का प्रभाव क्षेत्र रहा है और पार्टी ने रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव का जिम्मा खां को ही सौंपा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में सभाएं कीं वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक भी चुनावी रैली में हिस्सा नहीं लिया. बुधवार को कन्नौज में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी ये दोनों सीटें जीत रही है.
आजमगढ़ में 1149 मतदान केंद्र और 2176 मतदान स्थल बनाए गए हैं, जहां 1838000 मतदाता अपने मताधिकारों का प्रयोग कर सकेंगे. भाजपा ने इस सीट पर उपचुनाव में भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है. यहां मुख्य मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच माना जा रहा है. वैसे, आजमगढ़ में कुल 13 उम्मीदवार इस उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा है. यहां यादव वोटरों की तादाद 21 प्रतिशत है जबकि मुस्लिम मतदाता 15प्रतिशत हैं. इसके अलावा 20 प्रतिशत दलित तथा 18 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के गैर यादव मतदाता हैं. वर्ष 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को तीन लाख 61 हजार मतों से परास्त किया था.
रामपुर लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं. यहां 50 प्रतिशत हिंदू मतदाता और करीब 49 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार आजम खां ने भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा को एक लाख नौ हजार 997 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सीधा मुकाबला सपा के आसिम राजा और भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी के बीच है. लोधी पूर्व में आजम खां के करीबी थे। उन्होंने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है.
पंजाब में चुनाव – पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) विधानसभा चुनाव में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद लोकप्रियता की पहली परीक्षा का सामना कर रही है. यह चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब कानून-व्यवस्था के मुद्दे और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर आप विपक्ष की तीखी आलोचना का सामना कर रही है. आम आदमी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में संगरूर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा की सभी नौ सीट पर जीत दर्ज की थी और वह लोकसभा चुनाव में भी इस प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश में है. हालांकि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उम्मीदवार यहां उलटफेर की कोशिश में हैं.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहां व्यापक प्रचार किया और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ सोमवार को रोड शो भी किया तथा मतदाताओं से पार्टी प्रत्याशी गुरमेल सिंह को चुनने का आग्रह किया. सिंह पार्टी के संगरूर जिला प्रभारी भी हैं. मान ने भरोसा व्यक्त करते हुए कहा, ‘संगरूर के क्रांतिकारी लोग एक बार फिर आम आदमी को वोट देंगे और आप के गुरमेल सिंह प्रचंड बहुमत से उपचुनाव जीतेंगे.’ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने धूरी के पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी को उपचुनाव में उतारा है, जबकि भाजपा ने बरनाला के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों को मैदान में उतारा है, जो चार जून को पार्टी में शामिल हुए थे. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी चुनावी मैदान में हैं. शिअद ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को प्रत्याशी बनाया है. मान ने 2014 और 2019 में संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था और धूरी सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
त्रिपुरा – त्रिपुरा की चार विधानसभा सीट पर 23 जून को मतदान होगा. उपचुनाव के तहत गुरुवार को अगरतला, टाउन बारदोवाली, जुबराजनगर और सूरमा सीट पर मतदान होगा. अगरतला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन पर 19 जून को हुए हमले को छोड़कर, प्रचार काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा. मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने एक रोड शो में हिस्सा लिया. टाउन बारदोवाली सीट से उपचुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री माणिक साहा और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अगरतला में भाजपा के रोड शो का नेतृत्व किया. माकपा ने अपने उम्मीदवारों कृष्णा मजूमदार (अगरतला) और रघुनाथ सरकार (टाउन बारदोवाली) के पक्ष में बाइक रैली का आयोजन किया.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सभी चार सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं. उपचुनाव में कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं. चार निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 1,88,854 लोग मतदान करने के पात्र हैं. मतों की गिनती 26 जून को होगी. अगरतला और टाउन बारदोवाली सीट पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है, क्योंकि इन सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते सुदीप रॉय बर्मन और आशीष साहा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए. सूरमा सीट से भाजपा विधायक आशीष दास के पार्टी के खिलाफ बगावत करने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिस वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. माकपा विधायक रमेंद्र चंद्र देवनाथ के निधन के कारण जुबराजनगर सीट पर उपचुनाव कराना पड़ रहा है.