एकनाथ शिंदे 40 बागी विधायकों के साथ पहुंचे गुवाहाटी, CM ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई

देश राजनीति

मुंबई/सूरत:महाराष्ट्र के सियासी घमासान का मैदान अब गुजरात से असम शिफ्ट हो गया है। एकनाथ शिंदे समेत 40 बागी विधायक स्पेशल फ्लाइट से बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी पहुंचे। भाजपा के नेताओं ने उन्हें रिसीव किया। एयरपोर्ट के बाहर तीन बसों से उन्हें होटल ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।

यहां एकनाथ शिंदे ने फिर दोहराया कि हम बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व ​​​​को आगे ले जाएंगे। इससे पहले उन्होंने सूरत एयरपोर्ट पर कहा था कि अभी हमने बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व छोड़ा नहीं है। मैं चाहता हूं कि उद्धव ठाकरे, भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएं। एकनाथ ने कहा कि हमारे साथ अभी 40 विधायक गुवाहाटी आए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें 33 विधायक शिवसेना के और 7 विधायक निर्दलीय हैं।

विधायक नितिन गुवाहाटी नहीं गए
मंगलवार को एकनाथ ने दावा किया था कि मेरे साथ कुल 41 विधायक हैं, जिसमें 34 शिवसेना और 7 निर्दलीय हैं। बाद में खबर आई कि विधायक नितिन देशमुख अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसा आरोप लगा कि उनके साथ मारपीट की गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनकी पत्नी ने अकोला में एक मिसिंग कंप्लेंट लिखवाई। अब महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम सूरत पहुंचने वाली है। इन्हें मिलाकर ही 41 बागी विधायक थे।

सियासी घमासन से जुड़ी अपडेट्स
– मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
– गुवाहाटी में BJP विधायक सुशांत बोरगोहेन ने कहा, ‘मैं यहां इन्हें लेने आया हूं। मैं व्यक्तिगत रिश्ते की वजह से इन्हें यहां लेने आया हूं। मैंने गिनती नहीं की है कि कितने विधायक यहां आए हुए हैं।’

सूरत में होटल ला मेरिडियन के बाहर खड़ी बसें। मंगलवार रात करीब 2 बजे सभी बागी विधायक तीन बसों में सवार होकर होटल से एयरपोर्ट के लिए निकले थे।

सूरत में होटल ला मेरिडियन के बाहर खड़ी बसें। मंगलवार रात करीब 2 बजे सभी बागी विधायक तीन बसों में सवार होकर होटल से एयरपोर्ट के लिए निकले थे।

शिंदे ने उद्धव के सामने भाजपा से गठबंधन की शर्त रखी
महाराष्ट्र के 41 विधायकों के साथ गुजरात में डेरा डालकर बैठे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के सामने भाजपा से गठबंधन की शर्त रख दी है। उद्धव ने शिंदे से बातचीत के लिए मिलिंद नार्वेकर को भेजा था। नार्वेकर और शिंदे के बीच करीब एक घंटे मुलाकात चली। नार्वेकर ने फोन पर उद्धव से शिंदे की बातचीत कराई।

सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में उद्धव ने मुंबई आकर बातचीत का प्रस्ताव रखा। पर, शिंदे भाजपा से गठबंधन पर अड़े रहे। यह भी कहा कि पहले उद्धव अपना रुख स्पष्ट करें और अगर गठबंधन पर राजी हैं तो पार्टी टूटेगी नहीं।

बागी विधायकों की फोटो सामने आई

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के दो दिन बाद मंगलवार रात को शिवसेना के 34 बागी विधायकों की एक ग्रुप फोटो सामने आई। ये सभी सूरत के ला मेरिडियन होटल में ठहरे थे।

अगर विधायक बागी हुए, तो गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।

परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।

फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक है।

एकनाथ राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद से चल रहे नाराज
एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के दिग्गज नेताओं में होती है। जब 2019 में चुनाव का रिजल्ट आया था, तो शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। शिंदे ठाणे इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं और बाला साहब ठाकरे के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पिछले महीने महाराष्ट्र में राज्यसभा और सोमवार को विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना में शिंदे की बात नहीं सुनी गई, जिसके बाद से ही वे नाराज चल रहे थे।

शिंदे की आदित्य ठाकरे से नोकझोंक हुई थी

सूत्रों के मुताबिक, विद्रोह से 2 दिन पहले, यानी शुक्रवार को एकनाथ शिंदे और आदित्य ठाकरे के बीच मुंबई के पवई के एक होटल में नोकझोंक हुई थी। इस दौरान संजय राउत भी वहां मौजूद थे। दोनों के बीच विधान परिषद चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए अतिरिक्त वोटों का उपयोग करने को लेकर बहस हुई थी, जिसका शिंदे ने विरोध किया था। शिंदे के विरोध की वजह से कांग्रेस के उम्मीदवारों में से एक, भाई जगताप को उनकी जरूरत के वोट मिले, लेकिन दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे निर्वाचित नहीं हुए।

राज्य में 10 विधान परिषद सीटों के लिए सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2-2 सीट पर शिवसेना-एनसीपी और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी।

नवंबर 2019 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामा हुआ था। इसके बाद नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला था। 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *