नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर ऐक्शन से पहले BJP के भीतर क्या चला मंथन

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नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मामला स्वदेश से लेकर अरब देशों तक बढ़ने लगा, तो सत्तारूढ़ भाजपा ने न सिर्फ बयान जारी कर अपना रुख स्पष्ट किया बल्कि कुछ घंटे में ऐक्शन का आदेश भी जारी कर दिया। राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया गया और दिल्ली यूनिट के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। दरअसल, उनके बयानों को लेकर देशभर के मुस्लिम समुदाय ने घोर नाराजगी जताई थी और अरब देश भी भारतीय राजनयिकों को तलब कर विरोध जताने लगे थे। बवाल बढ़ा तो पार्टी ने दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए बयान जारी किया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार नहीं करती है। हालांकि दोनों नेताओं पर ऐक्शन लेने से पहले केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर गहन मंत्रणा हुई। भाजपा के सूत्रों ने हमारे सहयोगी को बताया कि शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर ही यह कार्रवाई की गई क्योंकि जिंदल और शर्मा की टिप्पणियों को पार्टी के विकास और पीएम के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के एजेंडे के बिल्कुल विपरीत पाया गया। केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की तीसरी वर्षगांठ के जश्न के बीच इस तरह के विवाद से पार्टी नेतृत्व काफी नाराज है। भाजपा ने यह कहकर जिंदल और शर्मा के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई की कि जिंदल का बयान न केवल आपत्तिजनक था बल्कि उन्होंने नेतृत्व की नाराजगी के संकेतों के बीच इसे दोहराया। दोनों नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई को विवाद समाप्त करने की भाजपा की कोशिश के रूप में देखा गया है।

मेरे आराध्य शिवजी का अपमान हो रहा था…
नूपुर शर्मा के बयान को भाजपा के संविधान के रूल 10 (ए) का उल्लंघन करार दिया गया। उधर, पार्टी से सस्पेंड किए जाने के बाद नूपुर शर्मा ने रविवार को वह विवादित बयान बिना शर्त वापस ले लिया, जो उन्होंने पिछले दिनों टीवी डिबेट में दिया था। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। शर्मा ने दावा किया कि पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी टिप्पणी ‘भगवान शिव का अपमान’ किए जाने की प्रतिक्रिया में रूप में थी, क्योंकि वह इसे बर्दाश्त नहीं कर सकीं। ट्विटर पर साझा किए एक पोस्ट में शर्मा ने लिखा, ‘मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है।’ उन्होंने कहा कि बहस के दौरान बार-बार कहा जा रहा था, ‘दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं। जाओ जा कर पूजा कर लो।’ शर्मा वाराणसी के ज्ञानव्यापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग की मौजूदगी के दावे पर की जा रही टिप्पणियों का जिक्र कर रही थीं।

ऐक्शन की वजह
दरअसल, भाजपा और सरकार किसी भी तरह से अरब देशों को नाराज नहीं करना चाहती है। दोनों नेताओं के बयानों से भारत की छवि पर दाग लग रहा था। कई अरब देश भारत को कच्चा तेल देते हैं। कतर में तो Boycott India कैंपेन शुरू कर दिया गया। बाद में वहां भारतीय दूतावास को कहना पड़ा कि ये भाजपा की सोच नहीं है, ये तो फ्रिंज एलीमेंट्स हैं। ओमान में प्रमुख मुफ्ती शेख अहमद बिन हमद अल-खलील ने ट्वीट किया कि शर्मा की टिप्पणी ‘हर मुसलमान के खिलाफ युद्ध’ घोषित करने के समान थी।

मेरे सामने बार-बार किए जा रहे हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी।नूपुर शर्मा


कानपुर में बवाल
नूपुर शर्मा की टिप्पणी के विरोध में कानपुर में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया। वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध में जुलूस निकाला और फिर हिंसा भड़क गई। 35 से ज्यादा दंगाइयों को पकड़ा गया। पथराव के कई खतरनाक वीडियो भी सामने आए। चिंता की बात यह है कि हिंसा ऐसे समय भड़की जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का वहां कार्यक्रम था। भाजपा इस तरह की घटनाओं को आगे रोकने के लिए सख्त ऐक्शन का संदेश देना चाह रही थी।


आपके विचार पार्टी की सोच से विपरीत…
नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट में इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जबकि जिंदल ने उनके बारे में ट्विटर पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसे उन्होंने बाद में हटा दिया था। इन दोनों टिप्पणियों पर मुस्लिम समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी प्रतिक्रियाओं के चलते ट्विटर पर कुछ देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार को लेकर अभियान भी चल पड़ा था। भाजपा की अनुशासनात्मक समिति के सचिव ओम पाठक की ओर से शर्मा को जारी एक पत्र में कहा गया कि उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की सोच के विपरीत हैं और यह पार्टी संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। पत्र में कहा गया, ‘आगे की जांच तक आपको पार्टी से तथा पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।’


आपने सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का काम किया है…
उधर, दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता की ओर से जिंदल को जारी एक पत्र में कहा गया कि सोशल मीडिया पर उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का काम किया है और यह पार्टी की मौलिक मान्यताओं का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जिंदल ने पार्टी की विचारधारा और नीतियों के खिलाफ काम किया है। उन्होंने कहा, ‘आपकी प्राथमिक सदस्यता तत्काल समाप्त की जाती है और आपको पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’

भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित और पल्लवित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी सर्व पंथ समभाव को मानती है। किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती।भाजपा का बयान
शर्मा और जिंदल दोनों ने ट्विटर पर लोगों से आग्रह किया है कि वे उनका पता सार्वजनिक ना करें, क्योंकि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को धमकियां मिल रही हैं। उनका संदेश यह था कि पार्टी ने कार्रवाई संबंधी जो पत्र उन्हें भेजा है, उनमें उनके पते का जिक्र है और लोग उस पत्र की प्रति को ट्विटर पर साझा कर रहे हैं।
कतर में नायडू के साथ लंच कैंसल
कतर, ईरान और कुवैत ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा नेताओं की विवादित टिप्पणियों को लेकर रविवार को भारतीय राजदूतों को तलब किया। सऊदी अरब ने भी बयान जारी कर कड़ी आपत्ति जताई। कतर और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते।’ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कतर की यात्रा पर हैं। बताया जा रहा है कि शायद विरोध के तौर पर ऐन टाइम पर कतर के डेप्युटी अमीर अब्दुल्ला बिन अहमद अल थानी ने उपराष्ट्रपति नायडू के साथ लंच रद्द कर दिया।

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