इंदौर:महापौर चुनाव के लिए कांग्रेस ने 6 शहरों से उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इंदौर नगर निगम के लिए विधायक संजय शुक्ला, उज्जैन से महेश परमार का नाम फाइनल है। परमार अभी तराना विधायक हैं। ग्वालियर नगर निगम से महापौर पद के लिए विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार, तो सागर नगर निगम से सुनील निधि जैन को मैदान में उतारा जा रहा है। सुनील सागर से ही विधायक शैलेंद्र जैन के भाई हैं। जबलपुर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह का नाम फाइनल है। रीवा नगर निगम के लिए अजय मिश्रा का नाम है।
नगरीय निकाय चुनाव में खासतौर से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत 16 नगर निगमों पर सबकी नजरें टिकी हैं। वर्तमान में ज्यादातर पर BJP का कब्जा है। ऐसे में पार्टी ऐसे चेहरों पर दांव लगाएगी, जो जीत सकते हो। पुराने के साथ नए चेहरों को भी आजमाया जाएगा, क्योंकि रिजर्वेशन के साथ महापौर के दावेदारों के चेहरे भी बदल चुके हैं। कुछ निगम में नए चेहरे उतारने पड़ेंगे।
भोपाल नगर निगम- OBC (महिला)
भोपाल में OBC वर्ग की महिला ही अगली महापौर होंगी। यहां लंबे समय से BJP का कब्जा है। पिछली बार आलोक शर्मा जीते थे। इस बार भी पार्टी ऐसे दावेदार को टिकट देगी, जो जीत हासिल कर सके। इनमें सबसे प्रमुख दावेदार कृष्णा गौर हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर की बहू, निगम की पूर्व महापौर रह चुकी हैं। वर्तमान में गोविंदपुरा विधायक भी हैं। गौर पार्टी का सबसे प्रमुख चेहरा हैं। इनके अलावा मालती राय और राजो मालवीय भी महापौर का चेहरा बन सकती हैं। राय पूर्व में पार्षद रह चुकी हैं, जबकि मालवीय पूर्व महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, वे यह चुनाव हार गई थीं।
कांग्रेस इन पर दांव खेल सकती है
कांग्रेस से विभा पटेल प्रमुख दावेदार हैं। वे निगम की महापौर भी रह चुकी हैं। वर्तमान में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। कांग्रेस से ही संतोष कंसाना और मोना साहू भी दावेदार मानी जा रही हैं। कंसाना दो बार से पार्षद रह चुकी हैं। महिला कांग्रेस की पदाधिकारी हैं। वहीं, साहू के पति रवींद्र साहू दिग्विजय सिंह के करीबी बताए जाते हैं।
तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी मैदान में उतर सकती है, लेकिन चेहरा फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
इंदौर नगर निगम- (अनारक्षित)
इंदौर नगर निगम में महापौर की सीट अनारक्षित के लिए रिजर्व की गई है। ऐसे में सबके लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन BJP ऐसे नेता या नेत्री पर दांव खेलेगी, जो निगम में फिर से कब्जा जमा सके। इनमें प्रमुख नाम हैं डॉ. निशांत खरे और मौजूदा विधायक रमेश मेंदोला का। खरे की संघ और भाजपा संगठन से नजदीकियां हैं, जबकि मेंदोला की शिवराज से करीबी और जमीनी पकड़ के साथ ही कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार संजय शुक्ला के मुकाबले अधिक मजबूत होना।
कांग्रेस से संजय शुक्ला का नाम फाइनल
कांग्रेस ने संजय शुक्ला का नाम फाइनल कर दिया है। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कई बार सार्वजनिक मंच पर भी उनका नाम इंदौर मेयर के लिए आगे बढ़ा चुके हैं। इंदौर में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। फिलहाल, तीसरे मोर्चे जैसा कुछ नहीं है। आम आदमी पार्टी की उपस्थिति बेहद कमजोर है। फिर भी पार्टी मैदान में उम्मीदवार उतार सकती है।
जबलपुर नगर निगम-अनारक्षित
जबलपुर मेयर की सीट भी अनारक्षित है। यानी, महिला-पुरुष कोई भी उम्मीवार हो सकता है। पिछली बार स्वाति गोडबोले मेयर थीं। इस बार भाजपा से डॉ. जितेंद्र जामदार, संदीप जैन, आशीष दुबे और कमलेश अग्रवाल प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं। डॉ. जामदार संघ और सीएम के करीबी हैं। राज्यमंत्री का दर्जा मिला है। पेशे से चिकित्सक हैं और साफ चेहरा है। जैन मीडिया प्रभारी रह चुके हैं। सांसद राकेश सिंह सहित सभी गुटों के प्रिय हैं। दुबे पूर्व नगर अध्यक्ष रह चुके हैं। संघ में पैठ है। संगठन में अधिक सक्रिय रहे हैं। अग्रवाल युवा चेहरा, सोशल वर्क में सबसे आगे और पूर्व पार्षद के अलावा एमआईसी मेम्बर भी रह चुके हैं।
कांग्रेस से जगत बहादुर फाइनल
कांग्रेस ने जगत बहादुर अन्नू का नाम फाइनल कर दिया है। अन्नू वर्तमान में शहर कांग्रेस अध्यक्ष हैं। खुद और पत्नी पार्षद रह चुकी हैं। विवेक तन्खा के करीबी हैं।
ये हैं मेयर के लिए रिजर्वेशन
प्रदेश के 16 नगर निगम के महापौर की बात करें तो OBC वर्ग को 25% रिजर्वेशन मिला है। इस वर्ग के लिए भोपाल (महिला), सतना, रतलाम और खंडवा (महिला) निगम आरक्षित किए गए। SC के लिए मुरैना (महिला) एवं उज्जैन, ST के लिए छिंदवाड़ा निगम के महापौर की कुर्सी आरक्षित की गई। 8 सीटें अनारक्षित हैं। इनमें इंदौर, सागर (महिला), जबलपुर, बुरहानपुर (महिला), रीवा, ग्वालियर (महिला), सिंगरौली, देवास (महिला) और कटनी (महिला) शामिल हैं।
ग्वालियर नगर निगम- अनारक्षित (महिला)
प्रदेश की प्रमुख नगर निगम में से एक है ग्वालियर। यहां BJP और कांग्रेस दोनों के ही समीकरण बनते-बिगड़ते हैं। इस बार मेयर का आरक्षण अनारक्षित महिला के लिए हुआ है। यानी, महिला ही मेयर की कुर्सी पर बैठेंगी। इसके चलते महिला दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। BJP से माया सिंह प्रमुख दावेदार हैं। वजह सिंधिया घराने से जुड़े रहना और पूर्व मंत्री होना है। वे राज्यसभा सांसद भी रह चुकी हैं। पार्टी की ओर से महिला प्रत्याशी में इससे अच्छा नाम नहीं है। सरल स्वभाव के कारण किसी से दुश्मनी नहीं।
वहीं, कांग्रेस की ओर से शोभा सिकरवार का नाम फाइनल है। उनके पति कांग्रेस जिलाध्यक्ष हैं। वे सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी की मनिक्षा तोमर दावेदार हैं। उनकी छवि तेज तर्रार हैं। वे एडवोकेट भी हैं।