सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही देश के विकास के लिए नई योजनाओं का दम भरते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि उनकी योजनाएं नाकाम साबित हो रही हैं. केंद्र की एक योजना के तहत सांसदों ने गांव को गोद लेकर विकास के सपने दिखाए थे. ऐसा ही नरयावली विधानसभा के बदौना गांव के साथ हुआ जिसे सांसद राज बहादुर सिंह ने गोद लिया है, लेकिन आलम यह है कि इस गांव के लोग भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं.
सरकार के दावे फेल: सांसद आदर्श ग्राम योजना को लेकर दावे तो बड़े-बड़े किए गए थे, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया. सागर संसदीय क्षेत्र के सांसद राज बहादुर सिंह का आधा कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन बदौना ग्राम की किस्मत नहीं बदली. हाल यह है कि, भीषण गर्मी में भी जल संकट में सांसद आदर्श ग्राम बदौना के ग्रामीणों के लिए पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. लोग पीने का पानी खरीद रहे हैं. जबकि नहाने धोने से अन्य कामों के लिए गंदे पानी का उपयोग कर रहे हैं.
पानी के लिए भटकते सागर के लोग
नल जल योजना ठप
गांव का रियलिटी चेक: सांसद द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि, उनकी बुनियादी समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन हालत यह है कि, 3200 की आबादी वाले इस गांव में भीषण गर्मी के समय पीने के लिए भी पानी भी उपलब्ध नहीं है. गांव में नल जल योजना है. लेकिन हफ्ते में एक बार भी अगर पानी आ जाता है तो ग्रामीण अपने आप को खुशनसीब समझते हैं. पाइप लाइन से जो पानी आता है उससे ग्रामीणों को भरपूर पानी नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में बदौना गांव के ग्रामीण पानी के इंतजाम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं.
सरपंच की दलील : बदौना गांव के सरपंच हरी राम राय कहते हैं कि, “गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना की शुरुआत की गई थी. साल के 8 महीने ग्रामीणों को इस योजना के से पर्याप्त पानी मिलता है. गर्मी के मौसम में पीनी की कमी के कारण टंकी नहीं भर पाती. इसलिए लोगों को पानी मुहैया कराने में दिक्कत आती है. फिलहाल पंचायत ने तय किया है कि, जिस जलाशय से नल जल योजना की पानी की टंकी भरी जाती है. उसका गहरीकरण किया जाएगा.