नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मई से 4 मई तक जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की आधिकारिक यात्रापर रहेंगे. 2022 में प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय ने बताया कि विदेश यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री मोदी की बर्लिन यात्रा करेंगे, यहां वह जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज (Olaf Scholz) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे.
द्विवार्षिक आईजीसी एक अनूठा संवाद फॉर्मेट है, जिसमें दोनों पक्षों के कई मंत्रियों की भागीदारी भी देखी जाती है. यह चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज के साथ प्रधानमंत्री का पहला आईजीसी होगा और नई जर्मन सरकार का पहला ऐसा सरकार से सरकार परामर्श भी होगा. स्कॉल्ज ने दिसंबर 2021 में पदभार ग्रहण किया था. अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर स्कॉल्ज संयुक्त रूप से एक बिजनेस इवेंट को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे.
2021 में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया था. पीएम मोदी की यह यात्रा व्यापक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, आपसी हित के वैश्विक मामले और दोनों सरकारों के लिए क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अवसर होगा. जर्मनी के बाद प्रधानमंत्री मोदी, डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर आधिकारिक यात्रा पर कोपेनहेगन जाएंगे. वह डेनमार्क द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे. ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप भारत और डेनमार्क के बीच अपनी तरह की पहली व्यवस्था है. यह यात्रा दोनों पक्षों को अपनी प्रगति की समीक्षा करने के साथ-साथ बहुआयामी सहयोग को और अधिक विस्तार देने के तरीकों की जांच करने का अवसर प्रदान करेगी. यात्रा के दौरान वे भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भाग लेंगे और भारतीय प्रवासियों के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे.
दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, अन्य नॉर्डिक नेताओं- आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ भी बातचीत करेंगे. शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवाचार और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, विकसित वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था.
पेरिस में इमैनुएल मैक्रों से करेंगे मुलाकात: चार मई को अपनी वापसी यात्रा पर प्रधानमंत्री कुछ समय के लिए पेरिस में रुकेंगे और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. भारत और फ्रांस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच बैठक सामरिक साझेदारी का एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी.