इंदौर। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली महू में 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. देशभर से बाबा साहब के अनुयायी उनकी जन्मस्थली पर दर्शन करने पहुंचते हैं. मध्य प्रदेश के साथ-साथ बड़ी संख्या में महाराष्ट्र से भी लोग 14 अप्रैल को यहां पहुंचते हैं. अनुयायियों की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन द्वारा विभिन्न व्यवस्थाएं की जाती हैं, जिसकी तैयारियां प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई हैं.
जिला प्रशासन ने की व्यवस्थाएंः डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में देश भर से उनके अनुयायी बाबा साहब के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते हैं. हजारों की संख्या में पहुंचने वाले अनुयायियों के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की जाती है, जिनमें 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को अनुयायियों के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाती है. इस बार भी अंबेडकर जयंती के मौके पर पहुंचने वाले अनुयायियों के लिए प्रशासन द्वारा ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है.
जन्मस्थली पर पहुंचेंगे कई राजनेताः लोगों की व्यवस्था के लिए लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रशासन द्वारा अलग-अलग जगहों पर यह व्यवस्था की जा रही है. इनमें स्वर्ग मंदिर परिसर, सीबी गर्ल्स स्कूल परिसर शामिल हैं. इसके साथ ही माहेश्वरी स्कूल परिसर में भोजन की व्यवस्था की गई है. अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ नेता बाबा साहब की जन्मस्थली पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. मुख्य तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सहित कई राजनेता यहां मौजूद रहेंगे.
कब हुआ था बाबा साहब का जन्मः मध्य प्रदेश में महू में स्थित बाबासाहेब अम्बेडकर को समर्पित एक स्मारक है. यह बाबासाहेब अंबेडकर का जन्मस्थान है, जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था. स्थानीय सरकार ने जन्म स्थली पर भव्य स्मारक का निर्माण किया है. इस स्मारक का उद्घाटन अंबेडकर की 100 वीं जयंती पर 14 अप्रैल 1991 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने किया था. स्मारक की संरचना वास्तुविद् ईडी द्वारा की गई थी.
कांग्रेस भाजपा का दलितों पर फोकसः जिस तरह से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर नेता लोग पहुंचेंगे उससे स्पष्ट है कि इसका मौका राजनीतिक पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाएंगी. मध्यप्रदेश में डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दलों ने वोट बैंक को साधना शुरू कर दिया है. आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही दलितों पर फोकस किया है.
एमपी में दलित वोट बैंक पर नजरः 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर बीजेपी प्रदेश के 65000 बूथों पर कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे. वहीं कांग्रेस ने भी ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम तय किया है. इन कार्यक्रमों के जरिए बीजेपी और कांग्रेस मध्य प्रदेश के 15 फीसदी से अधिक दलित वोट बैंक को साधना चाहती है. मध्य प्रदेश में 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इनमें से विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19 सीटें और कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं. (mp election 2023)
दलित वोट बैंक से सत्ता की तैयारीः 2018 के चुनाव में भाजपा को आरक्षित सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में भाजपा अब इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश में लगी हुई है. वहीं कांग्रेस भी दलित वोट बैंक के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी सीटों में इजाफा कर सत्ता की राह आसान करने में जुट गई है. दोनों ही दल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके को भुनाने में लग गए हैं.