रामनवमी के मौके पर हिंसा: पीएम मोदी की छवि खराब करने की साजिश

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नई दिल्ली : रामनवमी के मौके पर कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुईं. ये सारी घटनाएं उस समय हुईं, जब लोग शोभायात्रा और जुलूस निकाल रहे थे. जिन राज्यों में हिंसाएं हुईं, उनमें गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड प्रमुख हैं. मध्य प्रदेश के बड़वानी और खरगोन में तो भगवान राम की झांकी निकाल रहे श्रद्धालुओं पर पत्थर बरसाए गए. इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. जिस राम को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार चुनाव जीतती आ रही है, उसी राम को लेकर पूरे भाजपा शासित राज्यों में हिंसाएं हुईं. क्या यह एक संयोग है या फिर साजिश?

इस बात को लेकर भाजपा गहरा मंथन कर रही है. आने वाले दिनों में दो प्रमुख राज्यों में चुनाव है जिनमें हिमाचल और गुजरात है. इनमें से गुजरात प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का तथा हिमाचल भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह क्षेत्र है. वहीं, 2024 की लोकसभा चुनाव की भी अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. लोकसभा चुनाव में हर बार गुजरात दंगों का जिन्न विपक्षी पार्टियों के पिटारे से निकलकर बाहर आ जाया करता था. लेकिन इस बार 2024 के चुनाव से पहले रामनवमी के मौके पर हुईं हिंसाएं प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को आंच पहुंचाने की कोशिश समझी जा रही है. सूत्रों की माने तो, इस वजह से अब भाजपा और देश की इंटेलिजेंस एजेंसी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

मात्र देश में ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ चढ़ा है, उसकी वजह से भारत की साख में भी वृद्धि हुई है. यही दावा सत्ताधारी पार्टी भाजपा 2014 के बाद से करती आई है. जो कहीं न कहीं विपक्ष को परेशान कर रहा है. बहरहाल, 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के विपरीत प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष का कोई ऐसा दमदार उम्मीदवार भी नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में पीएम मोदी की छवि खराब करने की यह एक तरह से साजिश हो सकती है.

राजनीतिक विश्लेषक देश रतन निगम का कहना है कि हाल ही में हुई हिंसा की घटनाएं काफी सुनियोजित नजर आ रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि हिंसाएं सोची समझी साजिश के तहत हुईं है. उन्होंने कहा कि देखा जाए तो अधिकांश हिंसाएं मुस्लिम बहुल इलाकों में शुरू हुईं और विपक्षी नेताओं के बयानबाजी ने इसमें आग में घी डालने का काम किया. यहां तक कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने एक पुराना वीडियो जो बिहार का था, उसे ट्वीट कर दिया.

देश रतन निगम का कहना है कि दिनोंदिन सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है. इस वजह से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की साख में भी वृद्धि हुई है. आज स्थिति यह है कि रूस हो या अमेरिका, भारत अतंरराष्ट्रीय छवि को देखते हुए सभी यह चाहते हैं कि यह देश उनका पक्ष ले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की एक ताकत पूरी तरह से कोशिश कर रही है. इसमें अंतरराष्ट्रीय फंडिंग भी उन्हें बहुतायत में मिलती है. यदि अमेरिका के विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया पर नजर डालें तो यह भी एक सोची-समझी राजनीति के तहत दिया गया बयान है. कांग्रेस के साथ-साथ वह लेफ्ट पार्टी, जो किसी भी धर्म और जाति पाती को नहीं मानता, वह हिंदुत्व के खिलाफ बातें कर रहा है. जेएनयू में पूजा-पाठ कराए जाने पर आपत्ति की जा रही है जो कि ग्लोबल साजिश का ही हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मदरसों पर भी नियंत्रण होना चाहिए, क्योंकि देश के मदरसों में भी काफी संख्या में नौजवानों को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश होती है.

वहीं, भाजपा के नेता पी मुरलीधर राव ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में रामनवमी पर हिंसाएं कतई संयोग नहीं हो सकते हैं, बल्कि उन्हें एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की साख बढ़ी है. ऐसे में भारत की अनदेखी कोई भी देश नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि चाहे जेएनयू की बात की जाए या बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश या झारखंड आदि में हुई हिंसा की बात कि जाए, प्रत्येक घटना में साजिश छिपी है. लेकिन विपक्षी पार्टियां लाख साजिश कर लें, अब जनता समझने लगी है, कि ऐसे भ्रामक प्रचार में वह नहीं आनेवाली है.

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