पूजा करते समय क्यों जलाते हैं कपूर, क्या है इसका महत्व

धर्म-कर्म-आस्था

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करते समय तमाम तरह की सामग्री का प्रयोग किया जाता है। हर सामग्री का अपना एक अलग धार्मिक महत्व होता है। इसी तरह से पूजा में आरती करते समय घी के दीपक के साथ में कपूर भी अवश्य जलाया जाता है। हिंदू धर्म में कपूर बेहद पवित्र माना जाता है। कपूर जलाने से वातावरण भी शुद्ध होता है और आसपास की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। धर्म के अलावा ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी कपूर के महत्व के बारे में बताया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में खुशहाली आती है। सुबह-शाम पूजा के दौरान कपूर जलाना बेहद शुभ माना गया है। कपूर जलाने के पीछे केवल अध्यात्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी माना गया है। तो चलिए आज जानते हैं कि पूजा में कपूर जलाने का विधान क्यों हैं और इसके पीछे की मान्यता क्या है….

कपूर जलाने के पीछे आध्यात्मिक कारण धार्मिक मान्यता है कि प्रतिदिन कपूर जलाकर घर के सभी कोनों में दिखाना बेहद शुभ होता है। इससे घर में बुरी शक्तियों का आगमन नहीं होता है। साथ ही बुरी नजर से भी बचाव होता है।

शास्त्रों के अनुसार घर में यदि पितृदोष को शांत करना हो, तो प्रतिदिन कपूर जलाना चाहिए। इससे पितृदोष को शांत होता है और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा रात को सोते समय बेडरूम और पूरे घर में कपूर जलाने से घर का वातावरण शांत रहता है।

माना जाता है कि कपूर जलाने से घर और आसपास के वातावरण की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।

इसके अलावा कहा जाता है कि जीवन अगर किसी तरह की परेशानी चल रही है या आर्थिक तंगी झेल रहे हैं तो कपूर से जुड़े कुछ चमत्कारी उपाय करके आप इनसे निजात पा सकते हैं और भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं।
 

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